फरीदाबाद | अपने अक्सर लोगों को यह कहते सुना होगा कि आजकल खेती मुनाफे का सौदा नहीं रही, क्योंकि इसमें ज्यादा मेहनत लगती है और फायदा कम हो पता है. दूसरी तरफ अगर आप सही तरीके से खेती करें, तो कम मेहनत से ज्यादा मुनाफा भी कमा सकते हैं. बल्लभगढ़ के शाहपुर गांव के किसान महिपाल इसका एक जीता जागता उदाहरण पेश करते हैं.
30 से 35 दिनों में होती है फसल तैयार
महिपाल अपने खेतों में पालक की सब्जी उगाते हैं. सबसे जल्दी तैयार होने वाली फसलों में से एक पालक को माना जाता है. 30 से 35 दिनों में यह कटाई के लिए तैयार हो जाती है. इसके अलावा, इसकी खेती में लगने वाली लागत भी ज्यादा नहीं होती. 38 साल के महिपाल पिछले 12 सालों से पालक की ही खेती कर रहे हैं. उनके पास खुद की जमीन नहीं है. वह पट्टे पर लेकर पालक की खेती करते हैं.
5 से 6 दिनों में हो जाते हैं बीज अंकुरित
वह बताते हैं कि इसकी खेती के लिए सबसे पहले खेत में जुताई की जाती है और मिट्टी को भुरभुरा बनाया जाता है. मिट्टी को सुखाने के बाद इसमें बीज मिलाकर पानी दे देते हैं. इस प्रक्रिया के 5 से 6 दिनों के बाद बीज अंकुरित हो जाते हैं. फसल पकने के बाददवा का छिड़काव कर दिया जाता है. किसान बताते हैं कि वह पास के ही एक बीज भंडार से बीज लाकर खेती करते हैं. उन्होंने डेढ़ बीघे में पालक की फसल उगा रखी है.
इसके लिए उन्होंने 13 किलोग्राम बीजों का उपयोग किया है. विटामिन ए/ सी, प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस और अन्य खनिज तत्वों से भरपूर पालक की फसल 30 से 40 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. किसान बताते हैं कि कई बार फसल में कीड़े लग जाते हैं. इसलिए वह साइपर और एटलस दवा का इन पर स्प्रे करते हैं. इससे पत्तियों को नुकसान नहीं होता.
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