फरीदाबाद | हरियाणा और UP की बीच यमुना नदी के साथ लगते क्षेत्रों में दशकों से चले आ रहे सीमा विवाद को सुलझाने के लिए राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. इस विवाद को खत्म करने के लिए बड़े स्तर पर मजबूत पिलर तैयार किए जाएंगे. इसी कड़ी में फरीदाबाद जिले में यमुना नदी के साथ लगते क्षेत्रों में पिलर लगाने के लिए लोक निर्माण विभाग (PWD) ने टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है. पिलर निर्माण कार्य पर लगभग 1 करोड़, 10 लाख, 75 हजार रूपए की लागत राशि खर्च होगी. इस कार्य को 6 महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
दशकों से चला आ रहा है विवाद
बता दें कि यमुना नदी हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बीच विभाजन का काम करती है लेकिन बारिश के मौसम में जलस्तर बढ़ने से यमुना नदी की धारा का प्रवाह बदल जाता है. इसके चलते हर साल कभी हरियाणा की जमीन यूपी के हिस्से की तरफ चली जाती है, तो कभी यूपी की जमीन हरियाणा की तरफ आ जाती है. इस जमीन पर कब्जे और फसल को लेकर हर साल विवाद रहता है और कई बार तो यह विवाद खूनी संघर्ष में बदल जाता है.
दोनों तरफ के राजस्व अधिकारी हर साल जमीन की पैमाइश कराते हैं, लेकिन विवाद का स्थायी समाधान आज भी नहीं हो पाया है. यह स्थिति केवल फरीदाबाद में ही नहीं, बल्कि यमुना के साथ लगते पूरे हरियाणा क्षेत्र में है. 1970 के दशक में आए दीक्षित अवॉर्ड के आधार पर सालों पहले यमुना किनारे दोनों राज्यों की सीमा को निर्धारित करने के लिए पिलर खड़े किए गए थे, लेकिन वह पानी के तेज बहाव से बह गए थे. हालांकि, कुछ जगहों पर आज भी पिलर खड़े हुए हैं.
करनाल में पायलट प्रोजेक्ट सफल
इस समस्या के स्थाई समाधान के लिए सर्वे ऑफ इंडिया से इंटर स्टेट बॉर्डर का सर्वे कराया गया था. उसी रिपोर्ट के आधार पर अब यमुना के साथ इंटर स्टेट बॉर्डर पर पिलर खड़े किए जाने हैं. पिछले दिनों हरियाणा सरकार ने करनाल में पायलट प्रॉजेक्ट के तौर पर पिलर खड़े किए थे. वहां पर सफलता मिलने के बाद अब फरीदाबाद सहित दूसरी जगहों पर भी पिलर खड़े किए जाने हैं.
70 फीट के पिलर होंगे तैयार
फरीदाबाद में यमुना नदी करीब 25 किलोमीटर एरिया में बहती है. इसके दोनों ओर हरियाणा और यूपी के 52 गांव बसे हुए हैं. सर्वे ऑफ इंडिया ने इस हिस्से में पिलर लगाने के लिए निशानदेही की हुई है और उसी के हिसाब से पिलर खड़े किए जाने हैं. इसके लिए लगभग 70 फीट लंबाई वाले खास तरह के पिलर तैयार किए जाएंगे. इन पिलर्स को 50 फीट जमीन के नीचे और 20 फीट ऊपर रखा जाएगा.
PWD विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पिलर बनाने का काम इवन ऑड सिस्टम के हिसाब से किया जाएगा. एक पिलर हम बनाएंगे, तो एक पिलर यूपी वाले बनाएंगे. हमारे विभाग की ओर से लगभग 150 पिलर तैयार किए जाएंगे और उतने ही पिलर यूपी की तरफ से तैयार किए जाएंगे.
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