फरीदाबाद | हरियाणा के जिला फरीदाबाद के फतेहपुर बिल्लौच गांव के रहने वाले यश मोहन सैनी 23 साल से 40 एकड़ में फूलों की खेती कर रहे हैं. यश मोहन सैनी ने कहा कि फतेहपुर गांव को “फूलों का हब” कहा जाता है. यहां रजनीगंधा फूलों का अखिल भारतीय मेला आयोजित किया गया था, जिसमें यश मोहन को जाकिर हुसैन चैलेंज कप पुरस्कार से सम्मानित किया गया था और जिला स्तर पर भी उन्हें कई पुरस्कार मिले हैं. इस खेती से यश को काफी फायदा हो रहा है. यहां से दिल्ली गाजीपुर मंडी में फूलों की सप्लाई होती है.
फूलों की खेती बनी इस गांव की पहचान
फूलों की खेती इस गांव की पहचान बन गई है. उन्होंने अन्य किसानों से भी इस खेती को अपनाने की अपील की है ताकि बाकी किसान भी पारंपरिक खेती को छोड़कर इसे अपनाकर अपनी आय बढ़ाकर खुशहाल हो सकें. यश मोहन कुल 40 एकड़ में फूलों की खेती करते हैं.
उन्होंने बताया कि रजनीगंधा, गुलदावरी और सजावटी पौधे लगाए और अधिक मुनाफा कमाया और अपने परिवार के सदस्यों का पालन- पोषण कर रहे हैं. सरकार किसानों को फूलों की खेती के लिए बीज भी मुहैया कराती है. रजनीगंधा के फूल का बीज एक रुपये में मिलता है.
लाखों का होता है मुनाफा
एक एकड़ फूलों की खेती से कम से कम 5 से 6 लाख का मुनाफा होता है. इस खेती की एक और खास बात यह है कि एक बार पौधा लगाने के बाद 2 साल तक फूलों की खेती होती है. पारंपरिक खेती छोड़कर इस तरह की खेती करने वाले किसानों को हरियाणा सरकार भी मदद करती है. सरकार की ओर से फूलों की खेती पर प्रति एकड़ 48 हजार रुपये की सब्सिडी मिलती है. इसकी सारी जानकारी ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध है.
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