फतेहाबाद । नए कृषि कानूनों के विरुद्ध आरंभ हुए किसान आंदोलन को 3 महीने का समय हो गया है. अलग-अलग तरीकों से किसान सरकार के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं. अब जिले के गांव समैण में गांव के लोगों ने मीटिंग कर फैसला लिया है कि गांव में बिजली निगम के किसी भी अधिकारी एवं कर्मचारी को घुसने नहीं दिया जाएगा. गांव के लोगों ने साफ कह दिया है कि यदि बिजली निगम का कोई अधिकारी या कर्मचारी गांव में आता है तो अपनी जान माल का जिम्मेदार वह स्वयं होगा.
चर्चा करते ग्रामीणों का फाइल फोटो.
बिजली कर्मचारी या अधिकारी की गांव में एंट्री बैन
आपको बता दें कि आज समैण गांव में एक बैठक आयोजित की गई थी. गांव के लोगों ने बैठक में एकमत से फैसला लिया है कि जब तक भारत सरकार आंदोलनकारी किसानों की मांगों को नहीं मानती है तब तक गांव के लोग सरकार और सरकारी नुमाइंदों का लगातार विरोध करेंगे. मीटिंग में गांव के लोगों ने निर्णय लेते हुए साफ कह दिया कि बिजली निगम का कोई भी अधिकारी या कर्मचारी गांव में नहीं आएगा. यदि कोई भी कर्मचारी या अधिकारी गांव में चेकिंग के लिए आता है तो अपनी जान माल की हानि का जिम्मेदार वह स्वयं होगा.
ग्रामीण करेंगे सरकार के खिलाफ असहयोग
गांव के लोगों ने यह भी कहा कि सरकार से जुड़े हुए नेताओं का सभी गांव वाले पहले ही बहिष्कार कर चुके हैं. जजपा और भाजपा के कार्यकर्ताओं और नेताओं के गांव में आने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा हुआ है. ग्रामीणों के अनुसार सरकार लगातार किसानों को अनदेखा कर रही है. अब सरकार के खिलाफ किसान असहयोग करेंगे. देखने वाली बात यह है कि प्रशासन और सरकार की आगे की रणनीतियां अब क्या होंगी?
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