फतेहाबाद | हरियाणा में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव सम्पन्न हो चुके हैं. गांवों में नई पंचायतों का गठन हो चुका है. इस दौरान चुनाव परिणाम घोषित होने पर बहुत सी जगहों पर लड़ाई- झगड़े की खबरें भी सामने आई थी लेकिन बहुत से गांवों ने भाईचारे की मिसाल कायम करते हुए हारे हुए प्रत्याशियों का ऐसा सम्मान किया जो पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया. हारे हुए प्रत्याशियों के चुनाव में लाखों रुपए खर्च हुए थे. ऐसे में इन्हें आर्थिक नुकसान न उठाना पड़े इसलिए ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से लाखों रुपए इकट्ठा कर इन प्रत्याशियों को सम्मान के रूप में दिए.
हारे हुए प्रत्याशी को 71 लाख
इस बार मामला फतेहाबाद जिले के गांव पीलीमंदोरी से है जहां ग्रामीणों ने सरपंच का चुनाव हारे प्रत्याशी हनुमान कूकणा को 71 लाख रुपए देकर सम्मानित किया. इस गांव में सरपंच पद के चुनाव के लिए चार प्रत्याशी मैदान में थे. इनमें से धर्मवीर गोरछिया ने 2,131 वोट लेकर गांव की चौधर हासिल की और हनुमान कूकणा 1,931 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहे. ग्रामीणों ने बताया कि हनुमान पिछले लंबे समय से सामाजिक कार्यों में बढ़- चढ़कर हिस्सा लेते रहे हैं, ऐसे में ग्रामीणों की सलाह पर ही उन्होंने चुनावी रण में उतरने का फैसला लिया था.
ग्रामीणों ने बताया कि हनुमान कूकणा भले ही 200 वोटों से चुनाव हार गए हों लेकिन गांव की हमदर्दी पूरी तरह उनके साथ है. ऐसे में उन्हें आर्थिक नुकसान न झेलना पड़े इसके लिए सारे भाईचारे ने सर्वसम्मति से फैसला लेते हुए उन्हें 71 लाख रुपए दिए हैं. इसके अलावा, गांव काजलहेड़ी से हारे सरपंच विष्णु को भी ग्रामीणों ने सहानूभुति के रूप में 8 लाख रुपये दिए है.
जिले में यह दूसरा मामला
फतेहाबाद जिले में हारे हुए प्रत्याशी को सम्मानित करने का यह दूसरा मामला है. इससे पहले गांव नाढ़ोडी में भी सरपंच का चुनाव हारे प्रत्याशी को ग्रामीणों ने 11 लाख 11 हजार रुपए, एक गाड़ी व डेढ़ कनाल जमीन देकर सम्मानित किया था. ग्रामीणों का कहना है कि सरपंच चुनाव में लाखों रुपए खर्च होते हैं. ऐसे में हारे हुए प्रत्याशी की आर्थिक तौर पर मदद करना अच्छी बात है. इससे समाज में भाईचारा कायम रहता है.
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