फतेहाबाद | हरियाणा सरकार ने प्रदेश में गिरते भूजल स्तर और जल संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सिंचाई के तौर- तरीकों में बड़ा बदलाव करने का फैसला लिया है. इसके लिए मनोहर लाल सरकार ने खेतों में सिंचाई के लिए अंडरग्राउंड पाइप लाइन बिछाने और टपका प्रणाली से सिंचाई करने के आदेश जारी कर दिए हैं. दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं.
निगम द्वारा जारी निर्देश के अनुसार, जिन गांवों में भूजल स्तर 100 फुट से नीचे है, वहां के किसानों को अब पाइप द्वारा टपका प्रणाली (माइक्रो इरिगेशन सिस्टम) से सिंचाई करनी होगी. वहीं जिन गांवों में भूजल स्तर 100 फुट तक है वहां अंडरग्राउंड पाइप लाइन डाली जाएगी ताकि ट्यूबवेल से खेत तक पानी पाइप के माध्यम से जा सकें और पानी की बरबादी न हो. बिजली निगम का साफ कहना है कि जो किसान इन शर्तों को पूरा करेंगे उन्हें ही ट्यूबवेल कनेक्शन जारी किए जाएंगे.
दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के चीफ इंजीनियर, एसई, एसडीओ कार्यालय को जारी पत्र में बताया गया है कि प्रदेश के सभी जिलों के अनेक ब्लॉकों में भूजल स्तर लगातार गिरता जा रहा है. इसे रोकने के लिए दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम ने फैसला लिया है कि जिन गांवों में पानी का स्तर 100 फुट से नीचे चला गया है,उन गांवों में टपका प्रणाली से सिंचाई करनी होगी. इसके लिए किसान को पहले अंडरग्राउंड या टपका प्रणाली के लिए भौतिक निरीक्षण करवाना होगा. जो किसान इन शर्तों को पूरा करेंगे उन्हें ही ट्यूबवेल कनेक्शन जारी किए जाएंगे.
इन किसानों को ही कनेक्शन देने के आदेश
दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के चीफ इंजीनियर का सर्कुलर क्रमांक डी-16/2022 दिनांक 3 जून 2022 को मिला है, जिसमें उन किसानों को ही कनेक्शन देने के आदेश दिए गए हैं जो किसान अंडरग्राऊंड पाईप लाइन बिछाएंगे या टपका प्रणाली ( माइक्रो इरीग्रेशन सिस्टम ) द्वारा खेतों में सिंचाई करेंगे. जो किसान ट्यूबवेल से खाल में पानी ले जाकर सिंचाई करते हैं, उन किसानों को अब कनेक्शन नहीं दिए जाएंगे.
संदीप मेहता, कार्यकारी अभियंता, DHBVN फतेहाबाद
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