फतेहाबाद | उत्तर भारत का पहला परमाणु संयंत्र हरियाणा के एक गांव में स्थापित किया जाएगा. केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने शनिवार को नई दिल्ली में इसकी घोषणा की. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन के दौरान देश के अन्य हिस्सों में परमाणु/ परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना प्रमुख उपलब्धियों में से एक होगी.
परमाणु ऊर्जा विभाग के एक बयान के अनुसार, भारत के अधिकांश परमाणु ऊर्जा संयंत्र दक्षिण भारतीय राज्यों जैसे तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश या पश्चिम में महाराष्ट्र तक ही सीमित थे. अब उत्तर भारत को भी परमाणु ऊर्जा संयंत्र की सौगात मिलेगी.
परमाणु क्षेत्र बनाना है लक्ष्य
जितेंद्र सिंह ने कहा हरियाणा में परमाणु ऊर्जा संयंत्र की स्थापना भारत की परमाणु क्षमता बढ़ाने की प्राथमिकता के अनुरूप है. उन्होंने कहा पिछले आठ वर्षों में कई क्रांतिकारी फैसले लिए गए हैं. मोदी सरकार ने 10 परमाणु रिएक्टर स्थापित करने के लिए बड़ी संख्या में मंजूरी दी है. उन्होंने कहा कि परमाणु ऊर्जा विभाग को परमाणु ऊर्जा संयंत्र खोलने के लिए संसाधनों के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के साथ संयुक्त उद्यम बनाने की भी अनुमति दी गई है.
उन्होंने परमाणु क्षेत्र को एक आशाजनक क्षेत्र करार दिया. जितेंद्र सिंह के मुताबिक, आने वाले समय में हरियाणा में बनने वाले सेंटर में भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने की क्षमता होगी.
आवंटित राशि 20,594 करोड़ रुपये
गोरखपुर हरियाणा परमाणु ऊर्जा परियोजना (जीएचएवीपी) में 700 मेगावाट की दो इकाइयां होंगी. इनमें से प्रत्येक में स्वदेशी डिजाइन का प्रेशराइज्ड हैवी वाटर रिएक्टर होगा. परमाणु ऊर्जा विभाग के बयान के मुताबिक, इसे हरियाणा के फतेहाबाद जिले के गोरखपुर गांव के पास लागू किया जाएगा. कुल आवंटित राशि 20,594 करोड़ रुपये है. अब तक 4,906 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं. बयान में कहा गया है कि आज तक कुल वित्तीय प्रगति 23.8 प्रतिशत है.
विभाग के बयान के अनुसार, प्राथमिक कूलेंट पंप, कैलेंड्रिया, रिएक्टर हेडर, फ्यूलिंग मशीन हेड्स, मॉडरेटर और अन्य हीट एक्सचेंजर्स आदि जैसे प्रमुख लंबे विनिर्माण चक्र उपकरण/ घटकों के लिए खरीद ऑर्डर पहले ही दिए जा चुके हैं. शील्ड और सभी स्टीम जनरेटर के लिए विभाग ने कहा कि पहली इकाई साइट पर आ गई है. अन्य उपकरणों का निर्माण विभिन्न चरणों में है. निर्माण कार्यक्रम को पूरा करने के लिए साइट पर डिलीवरी समय पर होने की उम्मीद है.
न्यूक्लियर रिएक्टर के अलावा ये बनेगा
परमाणु ऊर्जा विभाग के अनुसार, परमाणु रिएक्टर के साथ- साथ अन्य मुख्य संयंत्र भवनों या संरचनाओं का निर्माण भी प्रगति पर है. जिन भवनों का निर्माण किया जाएगा उनमें शामिल हैं-
- अग्नि जल पम्प हाउस
- सुरक्षा संबंधित पम्प हाउस
- ईंधन तेल भंडारण क्षेत्र
- वेंटिलेशन ढेर
- ओवरहेड टैंक
- स्विचयार्ड नियंत्रण भवन