नई दिल्ली | इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. बता दे कि इंडिविजुअल लोगों को साल 2021- 22 के लिए 31 जुलाई तक आईटीआर दाखिल करना होगा. जो भी लोग इस तारीख के बाद अपनी आईटीआर दाखिल करेंगे, उन्हें जुर्माने का भुगतान करना पड़ेगा. इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय Form-16 को काफी अहम दस्तावेज माना जाता है. आज की इस खबर में हम आपको Form-16 की खासियतो के बारे में जानकारी देंगे.
जानिए Form-16 के बारे में
जब भी आप इनकम टैक्स भरते हैं उस दौरान form-16 काफी महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है. इसे कंपनी की ओर से जारी किया जाता है. इस फॉर्म में आप के जरिए ली गई सैलेरी, डिडक्शन, काटा गया टैक्स, अलाउंस के अलावा कई सारी जानकारी होती है. यह जानकारी आपको उस समय काम आती है जब आप इनकम टैक्स रिटर्न भर रहे होते हैं. इस फॉर्म की सहायता से आप अपने इनकम टैक्स से जुड़े आंकड़ों का मिलान भी कर सकते हैं.
ऐसे में आईटीआर दाखिल करने में कोई गड़बड़ी नहीं होगी. बता दें कि form16 में मौजूद आंकड़े और इनकम टैक्स रिटर्न में भरे जाने वाले आंकड़े अलग-अलग होते हैं और इस पर ध्यान ना दिया जाए तो यह आगे चलकर यह परेशानिया भी बढ़ा सकते हैं है. Form 16 के दो पार्ट होते हैं एक होता है पार्ट A, दूसरा होता है पार्ट B. आइए जानते है इनके बारे में…
पार्ट A की जानकारियां
- कर्मचारियों का नाम और पता
- नियुक्त का नाम और पता
- नियोक्ता का पैन नंबर और टेन नंबर
- कर्मचारियों का पेन विवरण
- आकलन वर्ष
- टीडीएस कटौती का सारांश
- रोजगार की अवधि का विवरण
पार्ट B की जानकारियां
- सैलरी पर चार्जेबल आय
- ग्रॉस इनकम (सैलरी) + अन्य इनकम
- सेक्शन 80सी/80 सीसीसी/80 सीसीडी के तहत कटौती (अधिकतम सीमा 1.5 लाख रुपये)
- अन्य वर्गों जैसे कि 80D (स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम), 80E (शिक्षा ऋण पर ब्याज), 80G (डोनेशन), और अन्य के तहत कटौती
- योग्य कटौतियों का योग