नई दिल्ली, CIBIL Score | वित्तीय संकट के समय में क्रेडिट कार्ड को जीवन रक्षक के रूप में जाना जाता है. बता दे कि आमतौर पर इन कार्डों का इस्तेमाल करते समय यदि आप अधिक खर्च कर देते हैं, तो इसका खामियाजा भी आपको बाद में भुगतना पड़ता है. वहीं दूसरी तरफ सतर्क और आर्थिक रूप से जागरूक लोग अपने क्रेडिट कार्ड का अधिकतम लाभ उठाते हैं. जिन लोगों को क्रेडिट कार्ड के सही उपयोग के बारे में पता नहीं होता, वह अक्सर अपने सिबिल स्कोर को खराब कर लेते हैं.
इस प्रकार खराब होता है सिबिल स्कोर
बता दें कि सिबिल स्कोर तीन संख्या का होता है, जो किसी फाइनेंशियल क्रेडिट को निर्धारित करता है. इसका उपयोग उधारदाताओं द्वारा मूल्यांकन के रूप में किया जाता है, उन्हें आपको उधार देना चाहिए या नहीं. बता दे कि क्रेडिट सीमा वह अधिकतम राशि होती है, जो उपयोगकर्ता की तरफ से अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके खर्च की जाती है. लिमिट का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि व्यक्ति आपके द्वारा उधार लिए गए पैसों को एक निश्चित अवधि के भीतर बगैर कर्ज के जाल में फंसे चुका सकता है.
क्रेडिट कार्ड लिमिट का अधिक उपयोग
दूसरी तरफ क्रेडिट कार्ड ओवर- लिमिट वह स्थिति होती है, जहां पर उपयोगकर्ता अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग दी गई क्रेडिट सीमा से अधिक करता है. जब भी आप क्रेडिट लिमिट का 90 से 100 फ़ीसदी तक इस्तेमाल कर लेते हैं तो इससे आपका क्रेडिट स्कोर काफी प्रभावित होता है. टोटल लिमिट का 70 से 80 परसेंट से अधिक यूज़ करना भी आपके क्रेडिट स्कोर को प्रभावित कर सकता हैं. बहुत अधिक उपयोग के परिणाम स्वरूप आप अपना अच्छा खासा क्रेडिट स्कोर भी खो सकते हैं.
अपने क्रेडिट स्कोर को बनाए रखने और सुधारने के लिए समय पर बकाया का भुगतान करना जरूरी है. क्रेडिट कार्ड की न्यूनतम देय राशि वह राशि होती है जिसका भुगतान कार्ड धारक को भुगतान की ड्यू डेट को या उससे पहले करना होता है.
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