नई दिल्ली | टैक्स बचाने और निश्चित रिटर्न देने वाली बैंक एफडी हमेशा से ही निवेशकों की पहली पसंद रही है. बता दें कि कोरोना काल में एफडी की ब्याज दरों में भी कमी की गई. अब दोबारा फिर से एफडी की ब्याज दरों में बढ़ोतरी की जा रही है. जिससे निवेशकों की एक बार फिर से FD पसंद बनती जा रही है. पिछले कुछ समय से एफडी पर ब्याज दरों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और एक्सपर्ट का मानना है कि आगे भी एफडी पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी होगी. कोरोना महामारी की वजह से पिछले दो-तीन साल काफी उतार-चढ़ाव भरे रहें.
बैंकों पर लगातार बढ़ रहा है दबाव
जिस वजह से लोगों की सहूलियत के लिए कर्ज सस्ते किए गए, तो बचत और जमाओ पर ब्याज दरों को घटाया गया. वहीं पिछले दो-तीन साल में लाखों लोगों ने अपनी नौकरियां भी खो दीं. जिस वजह से बैंक में बचत भी कम हो गई. अब मौजूदा समय में दोबारा से एफडी पर रेट बढ़ने लगे हैं. आर्थिक गतिविधियां समय के साथ धीरे-धीरे दोबारा पटरी पर लौटती हुई दिखाई दे रही है. एक तरफ जहां उद्योगों को नई शुरुआत के लिए फंड चाहिए, तो वहीं दूसरी ओर उपभोक्ताओं के हाथ में पैसे आने पर उनका खर्च भी बढ़ रहा है. दोनों ही ग्राहक अपना फंड पूरा करने के लिए बैंकों की तरफ देख रहे हैं.
एफडी की ब्याज दरों में हो सकती है बढ़ोतरी
बैंक बीमारी की वजह से योजनाओं के जरिए मोटा कर्ज बाट चुके हैं. जिस वजह से अब बैंकों पर भी लगातार दबाव बन रहा है. कुछ दिन पहले देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई ने कहा था कि, कर्ज की मांग बढ़ने से फंड का काफी दबाव है. इसको देखते हुए हम जीरो बैलेंस खाते से जुड़े नियमों में बदलाव करने वाले हैं. रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार 26 अगस्त को समाप्त हुए सप्ताह में कर्ज की ग्रोथ रेट 15.5% और जमा की ग्रोथ रेट 9.5% थी. अब मौजूदा समय में कर्ज की रेट थोड़ा गिरकर 14.2% तक पहुंच गई है. वहीं लोन लेने वालों की डिमांड दर 18 परसेंट से भी ऊपर है. इसके लिए बैंकों को अपना सर प्लस फंड भी इस्तेमाल करना पड़ रहा है.
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