नई दिल्ली | हाल ही के कुछ समय में छोटे बचत खातों के नियमों में सरकार द्वारा कुछ जरूरी बदलाव किए गए हैं. इसका उद्देश्य दादा- दादी, नाना- नानी के नाम पर खोले गए पुराने खातों को नियमित करना है. इन नए नियमों का असर एनआरआई यानी गैर आवासीय भारतीय खाताधारक व सुकन्या समृद्धि योजना खातों पर पड़ेगा.
30 सितम्बर तक लगेंगी ब्याज दरें
बता दें कि अगर किसी एनआरआई का पीपीएफ खाता है, तो उन्हें पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट की ब्याज दर पर ब्याज मिल रहा है. 30 सितंबर 2024 तक ब्याज की दरें लागू रहेंगी, लेकिन उसके बाद इन पर लगने वाले ब्याज की दर घटकर 0% हो जाएगी. इसका मतलब यह होगा कि यदि कोई एनआरआई खाता धारक अपने खाते को अपडेट नहीं करता है, तो उन्हें कोई ब्याज नहीं दिया जाएगा. इससे बचने के लिए ऐसे खाता धारकों को अपने खातों की जानकारी अपडेट करने की सलाह दी जाती है.
नाबालिग के खातों पर लगेगी POSO की ब्याज दर
अगर किसी नाबालिक के नाम पर पीपीएफ खाता खोला गया है तो उसमें तब तक POSO की ब्याज दर लागू होगी, जब तक वह बालिग़ नहीं हो जाता. 18 साल की आयु प्राप्त करने के बाद मानक पीपीएफ ब्याज दर लागू होगी. उस समय से खाते की मैच्योरिटी की कैलकुलेशन की जाएगी. वहीं, दूसरी तरफ यदि किसी खाताधारक के पास एक से ज्यादा पीपीएफ खाते हैं तो केवल मेन खाते पर ही ब्याज दर लागू होगी. बाकी खातों में जो भी अमाउंट जमा होगा उसे प्राइमरी खाते में ट्रांसफर किया जाएगा.
भविष्य में नहीं हो पाएगी गड़बड़ी
सरकार द्वारा लागू किए गए नए नियमों के तहत सुकन्या समृद्धि योजना के नियमों में भी बदलाव होगा. वह खाते जिन्हें दादा- दादी या नाना- नानी ने बिना माता- पिता के नाम पर खुलवाया था, उन्हें कानूनी अभिभावकों या प्राकृतिक माता- पिता के नाम पर ट्रांसफर करना जरूरी होगा. ऐसा करने से खातों में पारदर्शिता बने रहेगी. साथ ही भविष्य में होने वाली किसी प्रकार की गड़बड़ी की आशंका से बचा जा सकेगा.
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