HDFC बैंक का सीनियर सिटीजन को बड़ा तोहफा, 7 नवंबर तक करे केयर FD में निवेश; देखे ब्याज दरे

नई दिल्ली | यदि आप भी देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक HDFC के ग्राहक है तो आपके लिए एक अच्छी खबर सामने आई है. बैंक की तरफ से सीनियर सिटीजन के लिए चलाई जा रही स्पेशल FD की Last Date को एक बार फिर से बढ़ा दिया गया है. यदि आपने अभी तक इस एफडी में निवेश नहीं किया है तो अब आप कर सकते हैं. बैंक की तरफ से सीनियर सिटीजन केयर एफडी को कोविड- 19 के दौरान मई 2020 में लांच किया गया था.

HDFC Bank

HDFC बैंक के सीनियर सिटीजन के लिए अच्छी खबर

बैंक की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, सीनियर सिटीजन के लिए चलाई जा रही केयर एफडी में निवेश करने की लास्ट डेट 7 नवंबर 2023 रखी गई है. HDFC बैंक की तरफ से इस FD में आने वाले लोगों को अतिरिक्त दर से ब्याज दिया जाता है. पहले इस स्कीम में निवेश करने की अंतिम तारीख 7 जुलाई थी. अब इसे बढ़ाकर 7 नवंबर कर दिया गया है, जिससे इस एफडी में निवेश करने वाले लोगों को काफी राहत मिली है. एचडीएफसी बैंक की तरफ से चलाई जा रही इस योजना पर निवेश करने वाले लोगों को 0.25% की दर से एक्स्ट्रा ब्याज दिया जाता है.

सीनियर सिटीजन को इस दर से मिलेगा ब्याज

इसमें निवेश करने वाले लोगों को 0.50% प्रीमियम का भी भुगतान किया जाता है. प्रीमियम का भुगतान 5 साल 1 दिन से 10 साल की अवधि की एफडी पर ही किया जाता है. यह ब्याज दरें 5 करोड़ रूपये से कम की एफडी पर ही लागू होती है. वहीं, सीनियर सिटीजन केयर एफडी करवाने वालों को 5 साल से 10 साल की अवधि के दौरान 7.75% की दर से ब्याज ऑफर किया जाता है. इसके अलावा, 7 साल से लेकर 10 साल तक की एफडी करवाने पर ब्याज दरें 3.35% से 7.75% के बीच है.

काफी समय से रेपो रेट में नहीं हुआ बदलाव

एचडीएफसी बैंक ने सीनियर सिटीजन के लिए अपने खास फिक्स्ड डिपॉजिट मे निवेश करने के लिए भी लास्ट डेट 30 सितंबर 2023 तक बढ़ा दी है. पिछले साल रिजर्व बैंक की तरफ से लगातार रेपो रेट में वृद्धि की जा रही थी. रेपो रेट में वृद्धि के बाद ही बैंकों की तरफ से एफडी की ब्याज दरों में भी वृद्धि की जाती है. साथ ही, बैंकों की तरफ से कई नई एफडी की भी शुरुआत की गई थी. मौजूदा समय में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से अभी तक रेपो रेट में किसी प्रकार का कोई भी बड़ा बदलाव नहीं किया गया है.

एचडीएफसी बैंक 1 साल में वास्तविक दिनों की संख्या के आधार पर ब्याज की गणना की करता है. इसके विपरीत, यदि डिपाजिट एकल लीप या गैर लीप वर्ष में होता है तो ब्याज की गणना दिनों की संख्या के आधार पर ही की जाती है.

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