नई दिल्ली | GPF (सामान्य भविष्य निधि) योजना PPF (सार्वजनिक भविष्य निधि) जैसी योजना है जिसका उपयोग सरकारी कर्मचारी करते हैं. अब इसमें अधिकतम सालाना निवेश की सीमा तय कर दी गई है. चालू वित्त वर्ष से जीपीएफ खाताधारक एक साल में 5 लाख रुपये से ज्यादा जमा नहीं कर सकेंगे. पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने इस संबंध में एक आदेश जारी किया है. गौरतलब है कि पीपीएफ पर यह सीमा पहले से ही लागू है. आप पीपीएफ में अधिकतम 1.5 लाख रुपये का सालाना निवेश कर सकते हैं. इससे पहले सरकार ने जीपीएफ से 5 लाख रुपये से ज्यादा के ब्याज पर टैक्स लगाया था.
ये है आदेश
इस संबंध में डीओपीपीडब्ल्यू की ओर से पिछले महीने 11 तारीख को आदेश जारी किया गया था. उनके अनुसार, यदि किसी सरकारी कर्मचारी की कुल जमा राशि अक्टूबर 2022 तक 5 लाख रुपये से अधिक है तो उसका वेतन जीपीएफ के लिए भुगतान करना बंद हो जाएगा. आपको बता दें कि जीपीएफ में निवेश करने वाले कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना के तहत लाभ पाने के हकदार हैं.
अगले साल भी आएंगे नियम
शासनादेश के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 के मासिक अंशदान के नियम इस प्रकार तैयार किये जायेंगे कि कुल जमा राशि 5 लाख रुपये से अधिक न हो. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि इस साल अक्टूबर तक किए गए 5 लाख रुपये से अधिक के योगदान को समायोजित किया जाएगा या नहीं. क्या अतिरिक्त राशि खाताधारक को वापस की जाएगी या अगले वित्तीय वर्ष के योगदान में जोड़ी जाएगी, इस पर अभी कोई स्पष्टता नहीं है.
जीपीएफ पर 7.1 फीसदी का ब्याज दे रही सरकार
यह योजना सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए है. पीपीएफ की तरह सरकारी कर्मचारी भी इसमें अपने वेतन का एक निश्चित हिस्सा जमा करते हैं. सरकारी कर्मचारियों को अपने वेतन का कम से कम 6 फीसदी इसमें लगाना होगा. यह पैसा खाताधारक को सेवानिवृत्ति के समय वापस कर दिया जाता है.
जीपीएफ में जमा किए गए पैसे पर भी आपको ब्याज मिलता है. सरकार फिलहाल खाताधारकों को जीपीएफ पर 7.1 फीसदी का ब्याज दे रही है. यह पेंशनभोगी कल्याण विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के तहत प्रबंधित किया जाता है. गौरतलब है कि कोई भी अस्थायी सरकारी कर्मचारी एक साल तक लगातार काम करने के बाद इस योजना में निवेश का पात्र बन जाता है.
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