नई दिल्ली | सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम ने कोरोना काल के दौरान बुजुर्गों को अधिक ब्याज दरें प्रदान की, जब बैंक एफडी पर केवल 6% तक का ही ब्याज ऑफर किया जा रहा था. हालांकि, अब समय बदल चुका है. RBI की तरफ से पिछले 10 महीनों में रेपो रेट में 2.5% तक की बढ़ोतरी की जा चुकी है. इसके बाद, बैंक ने भी एफडी की ब्याज दरों में वृद्धि की है. ऐसे में 60 साल से अधिक के निवेशकों को निवेश के लिए एनसीएसएस और बैंक एफडी में कौन सा विकल्प चुनना चाहिए, इसके लिए आज की यह खबर देखिए.
बैंक FD Vs NCSS
केंद्र सरकार की तरफ से जनवरी- मार्च 2023 के लिए छोटी बचत योजनाओं के लिए जारी की गई. ब्याज दरों के अनुसार, सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम पर 8% तक का वार्षिक ब्याज दिया जा रहा है. यदि एफडी की बात की जाए तो वरिष्ठ नागरिकों को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया 3.5% से लेकर 7.6% तक का ब्याज ऑफर कर रहा है.
इसी प्रकार बैंक ऑफ बड़ौदा 3.5% से लेकर 7.25% और केनरा बैंक 3.25% से लेकर 7.65% तक का ब्याज दे रहा है. सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम की तुलना में बैंक एफडी काफी लचीली होती है. बैंक एफडी में आप 7 दिनों से लेकर 10 साल तक के लिए निवेश कर सकते हैं, जबकि सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम में आपको कम से कम 5 सालों के ही निवेश करना होता है.
यदि आपको बीच में पैसों की आवश्यकता होती है तो सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम में कुछ पैसों की निकासी समय से पहले करने की अनुमति दी जाती है, परंतु बैंक एफडी में मैच्योरिटी से पहले यदि आप पैसे निकलाते हैं तो आपको पेनल्टी का भुगतान करना होगा. सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम में निवेश करने पर आप आयकर की धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपए तक की छूट ले सकते हैं परंतु बैंक एफडी में आपको फायदे 5 साल से अधिक की FD पर ही मिलते हैं.
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!