नई दिल्ली । देश के ज्यादातर बैंक अच्छे क्रेडिट स्कोर वाले अपने ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड ऑफर करते हैं. बता दे कि अब क्रेडिट कार्ड लेने की प्रक्रिया भी काफी आसान कर दी गई है. जिस वजह से बड़ी संख्या में ग्राहक क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं. वही कोरोना काल में डिजिटल ट्रांजैक्शन ने भी नया रिकॉर्ड बनाया. इसी दौरान बड़ी संख्या में डिजिटल पेमेंट एप्स ने क्रेडिट कार्ड के जरिए रेंट चुकाने की सुविधा भी शुरू की.
क्रेडिट कार्ड से रेंट चुकाने के फायदे
क्रेडिट कार्ड के जरिए रेंट चुकाने पर ग्राहकों को कई तरह के रिवार्ड्स मिलते हैं. यदि आप क्रेडिट कार्ड से रेंट चुका रहे हैं तो आपको करीब 45 दिन का समय मिल जाता है. जिसके लिए आपको ब्याज भी नहीं चुकाना पड़ता. साथ ही आपको बैंक में जमा पर ब्याज भी मिलता रहता है. साथ ही कई क्रेडिट कार्ड पर निश्चित सीमा तक खर्च करने के बाद आपकी सालाना मेंटेनेंस फीस लौटा दी जाती है. क्रेडिट कार्ड से रेंट का भुगतान करने पर कई बार आपको कैशबैक भी मिलता है.
क्रेडिट कार्ड से रेंट चुकाने के नुकसान
क्रेडिट कार्ड से मकान /फ्लैट का किराया भरने पर 2 फ़ीसदी तक चार्ज भी देना पड़ सकता है. यदि आसान शब्दों में समझाए तो अगर आपने ₹10000 का किराया क्रेडिट कार्ड से चुकाया है, तो आपको ₹200 तक का चार्ज भी देना पड़ सकता है. वहीं यदि आप नगदी में भुगतान करते हैं या ऑनलाइन ट्रांसफर कर देते हैं तो आपको कोई चार्ज नहीं देना पड़ता.
क्रेडिट कार्ड के जरिए किराया चुकाने पर क्रेड ऐप 1.5 % तक अतिरिक्त शुल्क लेता है. वही हाउसिंग के जरिए किराया चुकाने पर आपको 1.3% चार्ज देना पड़ सकता है. अब पेटीएम ने भी क्रेडिट कार्ड से किराया भरने की सुविधा शुरू कर दी है, परंतु डिजिटल पेमेंट एप इस समय 1 % चार्ज वसूलता है.
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