टेक डेस्क | मुकेश अंबानी द्वारा चलाई जा रही रिलायंस जिओ (Reliance Jio) की कंपनी है अपने ग्राहकों को नववर्ष का तोहफा देते हुए अपने वादे के अनुसार नए साल के पहले दिन यानी 1 जनवरी से इंटरकनेक्ट उपयोग शुल्क (आईयूसी) को पूर्ण रूप से खत्म करने का ऐलान आज साल के आखिरी दिन ही कर दिया है.
इंटरकनेक्ट उपयोग शुल्क (आईयूसी) के अंतर्गत जिओ सेवा के कस्टमर को उनके द्वारा लिए गए प्लान में पहले मिनट खत्म हो जाने की वजह से कस्टमर को दूसरे नेटवर्क पर कॉल करने के लिए रिचार्ज कराने की आवश्यकता होती थी. उसके लिए उन्हे छह पैसे प्रति मिनट या प्रति कॉल के शुल्क का भुगतान करना आवश्यक होता था. वहीं दूसरी ओर जिओ के ग्राहकों को आपस में बात करने के लिए फ्री सुविधा, असीमित समय तक के लिए दी जा रही थी.
जियो ने आज वर्ष 2020 के आखिरी दिन यानी गुरुवार को स्पष्ट रूप से बयान जारी कर सभी के बीच जानकारी को सांझा करते हुए कहा है कि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की ओर से जारी किए गए नियमों के मुताबिक़ ‘बिल और कीप दौर’ देश में एक जनवरी 2021 से लागू किया जा रहा है. इसे देखते हुए जियो उपभोक्ताओं से की गई प्रतिबद्धता के मुताबिक़ आईयूसी प्रभार को खत्म करने जा रहा है और शुक्रवार के दिन नए साल की एक जनवरी से जियो उपभोक्ता भी सभी नेटवर्क पर घरेलू वायस काल फ्री में आनंद उठा सकते हैं.
31 दिसंबर 2019 के बाद भी शुल्क जारी रहने की वजह से मजबूरन डाला गया था ग्राहकों पर बोझ
जियो ने कहा है कि ट्राई के इस व्यवस्था को लागू करने के साथ ही उन्होंने अपने ग्राहकों से जो वादा किया था अब उस वादे को तत्काल रुप से तुरंत प्रभाव से ला कर अमल कर रहा है. ट्राई ने वर्ष 2017 में एक अक्टूबर को आईयूसी चार्ज को 14 पैसे से घटाकर 6 पैसे किया था और इसे एक साथ साथ यह भी ऐलान किया था कि जनवरी 2020 से इसे पूरी तरह खत्म कर दिया जा सकता है, किन्तु नियामक इस पर एक बार फिर से कंसल्टेशन पेपर ले आया था और उस पर गहनता से विचार विमर्श करने के पश्चात जियो ने अक्टूबर 2019 में आईयूसी शुल्क को शुरु किया था.
जियो ने शुल्क को उपभोक्ताओं से वसूल करते समय साफ़ तौर पर कहा था कि पिछले तीन सालों में वह आईयूसी चार्ज के नाम पर कुल 13,500 करोड़ रुपए का भुगतान दूसरे ऑपरेटरों को अपनी ओर से कर चुका है. ऐसे में अगर देखा जाए तो बीते तीन सालों से आईयूसी चार्ज का बोझ किसी भी तरह से हमारी ओर से जिओ के उपभोक्ताओं पर नहीं डाला जा रहा था और तब भी कंपनी ने सिर्फ़ यह कहा था कि शुल्क 31 दिसंबर 2019 के बाद भी जारी रहने की वजह से मजबूरन इसका बोझ अब ग्राहकों पर डाला जा रहा है.
40 करोड़ से भी अधिक उपभोक्ताओं को मिलेगा लाभ
यहां हम आप को विशेष रूप से जानकारी देते हुए बता दें कि आईयूसी दूरसंचार कंपनियों के द्वारा दिया जाता है, जो उनके ग्राहकों द्वारा एक से दूसरे नेटवर्क पर कॉल करने की वजह से देना पड़ता है. यहां अगर उदाहरण के तौर पर देखा जाए तो अगर कोई जिओ का ग्राहक एयरटेल के नंबर पर कॉल करता है तो यह है आईयूसी चार्ज जिओ के द्वारा एयरटेल को दिया जाएगा और इसकी दर ट्राई की ओर से निर्धारित की जाती है. जियो के आईयूसी शुल्क खत्म करने से देश के कुल 40 करोड़ से भी अधिक उपभोक्ताओं को लाभ हो सकता है.
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