टेक डेस्क । सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए गाइडलाइंस जारी कर दी है जिन्हें लागू करने के लिए कंपनियों को 3 महीने का समय दिया गया है. इसमें शरारत की शुरुआत करने वाले की जानकारी का खुलासा करने, 24 घंटे में आपत्तिजनक सामग्री हटाने जैसे प्रावधान शामिल हैं .इसके अलावा सोशल मीडिया कम्पनियों को शिकायत निपटान तंत्र भी बनाना होगा.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए नए नियमों की घोषणा करते हुए बताया कि सरकार और कोर्ट के पूछने पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को बताना होगा कि किसी भी खुराफाती संदेश की शुरुआत किसने की ? बकौल सरकार यह भारत की सुरक्षा, संप्रभुता ,कानून व्यवस्था बलात्कार एवं अश्लील सामग्री से सम्बंधित अपराधों में अवश्य ही साझा करना होगा.
इसके साथ ही सोशल मीडिया बिचौलियों को देश में एक भारतीय मुख्य शिकायत निवारण अफसर की नियुक्ति भी करनी होगी. ताकि, यह जानकारी मिल सके कि उक्त नियमों का क्रियान्वयन हो रहा है अथवा नहीं एवं इसके अलावा नोडल अधिकारी भी नियुक्त किया जाएगा, जिससे कानूनी एजेंसियां मदद ले सकें. इस संदर्भ में कम्पनियों को हर महीने रिपोर्ट भेजनी होगी ताकि पता लगाया जा सके कि कितनी शिकायतों का निदान हो रहा है.
गौरतलब है कि इन सब नियमों के लागू होने से व्हाट्सएप जैसी एन्ड टू एन्ड इनक्रिप्टेड प्लेटफार्म के साथ पहले से सरकार के साथ विवादों में घिरे ट्विटर काफी प्रभावित होंगे.