उत्तर-पश्चिम रेलवे में शनिवार को पहली बार भारत में निर्मित सबसे शक्तिशाली मालवाहक इंजन WAG-12B ट्रैक पर दौड़ा. जिससे केवल मालगाड़ियों का ही संचालन किया जाएगा. शुक्रवार को यह इंजन दिल्ली रेलवे मंडल के पाटली स्टेशन से जयपुर रेलवे मंडल के रेवाड़ी स्टेशन पहुंचा और बाद में जयपुर मंडल के विद्युतीकृत खंड में रेवाड़ी से रींगस होते हुए मालगाड़ी को लेकर शुक्रवार देर रात फुलेरा स्टेशन पहुंचा.
कैसे हुआ निर्माण
WAG -12 का निर्माण मेक इन इंडिया के तहत बिहार के माधेपुरा में स्थित इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव फैक्ट्री तथा फ्रांस की कंपनी ALSTOM प्राइवेट लिमिटेड ने संयुक्त रूप से मिलकर किया. माधेपुरा में जहाँ इसका निर्माण कार्य पूरा हुआ है वहीं उत्तरप्रदेश के सहारनपुर व महाराष्ट्र के नागपुर में इसके मेंटिनेंस सेंटर बनाये गए हैं.
कितनी क्षमता वाला है WAG-12
यह एक थ्री फेस इंजिन है जिसमें ऊर्जा संरक्षण के लिए रिजेनरेटिवे ब्रेकिंग प्रणाली का प्रयोग किया गया है. जिसकी लम्बाई 35 मीटर है तथा जिसका वजन लगभग 180 टन है जो आम इंजिन से कई गुना यानि लगभग 6000 टन वजन का लोड उठाने में सक्षम है. 12000 हॉर्स पॉवर वाला यह शक्तिशाली इंजिन अधिकतर 120 km/h की स्पीड से ट्रैक पर दौड़ सकता है जो अब तक किसी भी रेल इंजिन के मुकाबले बहुत अधिक है. जिससे भारत इस तरह के शक्तिशाली इंजन रखने वाला दुनिया का छठा देश बन गया है.
निर्माण का उद्देश्य
भारतीय रेलवे के सबसे शक्तिशाली इंजन को DFC यानी डेडिकेटेड फ्राइट कॉरिडोर सिस्टम के तहत तैयार किया गया है. जिससे मालगाड़ियों के लिए अलग ट्रैक बनाया गया है जिससे नॉर्मल ट्रैक पर से मालगाड़ियों का अतिरिक्त बोझ कम हो सके.
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