डीजल-पेट्रोल की कार बनाना बंद करने जा रही है, छह बड़ी कंपनिया जानिए कौन-कौन सी कंपनियां शामिल

नई दिल्ली | पर्यावरण में कार्बन उत्सर्जन कम करने के वैश्विक प्रयासों के कारण आने वाले समय में छह बड़ी कार निर्माता कंपनियां डीजल-पेट्रोल की गाड़ियां बनाना बंद करने जा रही हैं. 6 वैश्विक कंपनियों में भारतीय टाटा ग्रुप की जैगवार लैंड रोवर (Jaguar Land Rover) भी शामिल है.

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आपको बता दें कि ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव को कम करने के लिए ग्लासगो में सीओपी 26 समिट चल रहा है. इसमें प्रमुख बात यह सामने आई है की 6 वैश्विक वाहन निर्माता कंपनीया 2040 तक डीजल पेट्रोल की गाड़ियां का निर्माण बंद करने पर सहमति जताने वाली हैं.

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रॉयल्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, स्वीडन की वोल्वो (Volvo), अमेरिका की फोर्ड और जनरल मोटर्स, डायमलर एजी की mercedes-benz, चीन की बीवाईडी (BYD) और टाटा मोटर्स जैगवार लैंड रोवर ग्लास्गो में एक प्लेज साइन करने वाली हैं. आपको बता दें कि यह प्लेस साइनिंग 21वीं सदी के मध्य तक ग्लोबल वार्मिंग को नियंत्रित करने की मुहिम का एक हिस्सा है. इसके फलस्वरूप यह कंपनियां 2040 तक जीवाश्म ईंधन ऊपर चलने वाले वाहनों का उत्पादन पूरी तरह से बंद करने वाली हैं.

जाने कौन सी टॉप टू वाहन कंपनियां साइन करने से इंकार कर रही हैं

इस प्रमुख मुहिम के अंतर्गत पेट्रोल में डीजल के वाहनों को बंद करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. प्लीज से जुड़े सूत्रों के अनुसार यह पता चला है कि दुनिया की सबसे बड़ी 2 कंपनियां टोयोटा मोटर कॉर्प और फॉक्सवैगन एजी इसमें शामिल नहीं हो रही है. इसी तरह से सबसे बड़े कार बाजारों में शामिल अमेरिका, चीन और जर्मनी भी प्लेज का हिस्सा नहीं बन रही है.

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दुनिया की चौथे नंबर की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी स्टेलांटिस (Stellantis), जापान की होंडा और जर्मनी की बीएमडब्ल्यू और दक्षिण कोरिया की हुंडई भी साइन नहीं करने वाली कंपनियों में शामिल है. राइड हेलिंग (ride-hailing) कंपनी उबर इसका हिस्सा बन सकती है इस मुहिम का उद्देश्य इलेक्ट्रिक कारों में सूखने उत्सर्जन करने वाले वाहनों का निर्माण करना तथा उन को बढ़ावा देना है.

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इसका प्रमुख उद्देश्य पर्यावरण में पेट्रोल तथा डीजल के वाहनों से हो रहे प्रदूषण को नियंत्रित करना है. जिसके लिए आने वाले समय में बिजली के वाहनों का निर्माण ज्यादा किया जाएगा. यह पर्यावरण के रूप से एक जरूरी फैसला लिया गया है.

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