गुरुग्राम | सीएम मनोहर लाल के नेतृत्व में हरियाणा की गठबंधन सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे गुरुग्राम के लाखों लोगों को बड़ी सौगात दी है. सरकार के एक फैसले से गुरुग्राम नगर निगम के दायरे में शामिल 16 कालोनियों के लाखों लोगों को राहत पहुंची है. अब नगर नियोजन (टाउन प्लानिंग योजना) और पुनर्वास योजनाओं (री- हेबिलिटेशन) के तहत आवंटित 100 वर्ग गज तक के आवासीय भूखंडों को 50-50 गज के दो हिस्सों में बांटा जा सकेगा और इनकी रजिस्ट्री भी हो सकेगी. अभी वर्तमान में 200 वर्ग गज तक के प्लाटों को ही दो हिस्सों में विभाजित करने का नियम था.
हरियाणा सरकार द्वारा नियमों में बदलाव से सबसे ज्यादा राहत उन लोगों को पहुंचेगी जो पारिवारिक संपत्ति के बंटवारे के बाद 100 वर्ग गज से छोटे प्लाटों की रजिस्ट्री खुद के नाम नहीं करवा पा रहे थे. शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने इस संबंध में बुधवार को अधिसूचना जारी कर दी है.
बता दें कि आजादी के बाद शरणार्थियों की संख्या का बड़ा आंकड़ा हिंदुस्तान में आया था. उनको रहने के लिए सरकार ने 1959 से लेकर 1966 तक री हेबिलिटेशन और टाउन प्लानिंग योजना लागू की थी. उस समय सरकार द्वारा इन प्लाटों के आकार निर्धारित किए गए थे. इसके बाद, इन लोगों को आवंटित प्लाट का विभाजन नहीं हो रहा था.
ऐसे में लोग गैरकानूनी तरीके से इन आवंटित प्लाट की डिग्री आदि तो करवा लेते थे लेकिन स्थायी डिग्री नहीं मिल रही थी. इस वजह से इन प्लाटों के नक्शे भी पास नहीं हो रहें थे.
कुछ लोगों के लिए बढ़ेगी परेशानी
प्रदेश सरकार की इस योजना से कुछ लोगों की परेशानी बढ़ना लाजमी है क्योंकि आवंटित प्लाट को विभाजित करने से पहले निगम में 1980 से पहले का रिकॉर्ड जमा करवाना होगा जोकि अधिकतर लोगों के पास उपलब्ध नहीं है. इसके अलावा, जिन लोगों ने इन आवंटित प्लाटों में अवैध रूप से निर्माण किया हुआ है उन्हें भी सरकार की इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा.
1980 से पहले बसी कालोनी
गुरुग्राम में 1980 से पहले बसी कालोनी न्यू कालोनी, मियां वाली कालोनी, अर्जुन नगर, सुभाष नगर,भीम नगर, शिवाजी नगर आदि जगहों पर बसे लोगों को इस योजना का फायदा मिलेगा.
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