गुरुग्राम में 70 साल के धर्मपाल ऑर्गेनिक खेती कर कमा रहे लाखों, सरकार भी कर चुकी है सम्मानित

गुरुग्राम | पिछले कुछ वर्षों से किसान बढ़ते खर्च और घटती आय को देखते हुए फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग कर रहे हैं लेकिन यह न केवल लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है बल्कि भूमि की उपजाऊ क्षमता पर भी असर डालता है. जब किसानों में जागरूकता बढ़ी तो उन्होंने जैविक खेती को अपनाना शुरू कर दिया. अब बाजार में जैविक सब्जियों की मांग बढ़ती जा रही है.

Gurugram Farmer Dharampal Sini

आज भी कुछ किसान ऐसे हैं जो जैविक खेती करके लोगों के स्वास्थ्य के साथ-साथ भूमि की उपजाऊ क्षमता को भी सुरक्षित रखने का प्रयास कर रहे हैं. ऐसे ही एक किसान हैं हरियाणा के जिला गुरूग्राम के गांव सोहना के 70 वर्षीय किसान धर्मपाल सैनी. जो काफी समय से जैविक खेती कर रहे हैं. धर्मपाल सैनी का कहना है कि भले ही फसल 10 फीसदी कम हो लेकिन लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए.

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4 एकड़ में उगाते हैं फसल

जैविक खेती को लेकर सरकार की ओर धर्मपाल सैनी को प्रगतिशील किसानों की सूची में नामित किया गया था. धर्मपाल सैनी 4 एकड़ जमीन में विभिन्न प्रकार की फसलें और सब्जियां उगाते हैं. जैविक खेती के प्रति सरकार के जागरूकता और प्रशिक्षण अभियान से जुड़कर वह अपने गांव में खेती करते हैं. धर्मपाल सैनी का कहना है कि इससे न केवल हमारा स्वास्थ्य बेहतर रहता है बल्कि भूमि की उपजाऊ क्षमता भी बनी रहती है.

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हरियाणा सरकार ने किया सम्मानित

जैविक सब्जियों को लेकर धर्मपाल सैनी का नाम. डी.एच.ओ. हरियाणा सरकार को भेजा गया था जिसके चलते उन्हें हरियाणा सरकार की ओर से 50 हजार का इनाम भी दिया गया था. धर्मपाल सैनी हरियाणा सरकार द्वारा किसानों को दी गई इस प्रोत्साहन राशि का स्वागत करते नजर आ रहे हैं. उनका कहना है कि जब सरकार किसानों को प्रोत्साहित करती है तो कहीं न कहीं इससे किसानों को प्रेरणा भी मिलती है.

किसानों को किया जागरूक

वैसे तो धर्मपाल सैनी 1980 से खेती कर रहे हैं लेकिन 5 साल पहले उन्होंने बागवानी विभाग से ट्रेनिंग ली और अब जैविक खेती कर अच्छी फसलें उगा रहे हैं. साथ ही उद्यानिकी विभाग द्वारा दिये गये प्रशिक्षण से वे अपने गांव के किसानों से परिचित होते हैं और उन्हें खेती की विधि भी समझाते हैं.

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जैविक खेती के साथ ये है समस्या

धर्मपाल सैनी ने बताया कि जैविक खेती में कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. जमीन में रासायनिक खाद और कीटनाशकों की मात्रा बढ़ गयी है. यही कारण है कि अगर कोई किसान जैविक खेती करना शुरू करता है तो उसे एक या दो साल तक नुकसान हो सकता है. इस हानि का मुख्य कारण यह है कि भूमि रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों की आदी हो गयी है.

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