गुरुग्राम । जहां एक तरफ कोरोना अपना कहर बरसा रहा है. वहीं दूसरी तरफ साइबर सिटी गुरुग्राम में एंबुलेंस चालक भी हड़ताल पर चले गए हैं. जिसके बाद मरीजों के तीमारदारों में अफरातफरी का माहौल बन गया है. मरीजों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए, मृतकों के शवों को अंतिम संस्कार के लिए ले जाने के लिए एंबुलेंस की भारी कमी आ गई है.
एंबुलेंस संचालको की हड़ताल
जिसकी वजह से लोग मरीजों और शवों को निजी वाहनों में ले जाने के लिए मजबूर हो चुके हैं. हड़ताल पर गए एंबुलेंस चालकों व मालिकों ने इन सब के लिए जिला प्रशासन को दोषी ठहराया है. उन्होंने कहा कि आरटीए विभाग के अधिकारियों ने उनसे जबरदस्ती एंबुलेंस ले ली है. पिछले साल के 13 लाख रुपए बकाया है वह भी नहीं दिए है. एंबुलेंस संचालकों का यह भी आरोप है कि आरटीए विभाग ने जो भी बेसिक एंबुलेंस के लिए ₹7 प्रति किलोमीटर में और ऑक्सीजन व वेंटिलेटर युक्त एंबुलेंस के लिए ₹15 प्रति किलोमीटर के रेट निर्धारित किए थे.
वह काफी कम है उसमें एंबुलेंस का खर्च वहन नहीं हो रहा है. बता दें कि फिलहाल जिला प्रशासन व एंबुलेंस संचालकों के बीच तनातनी का माहौल है. इसका खामियाजा मरीजों व उनके परिजनों को भुगतना पड़ रहा है. ऐसे में जिला प्रशासन के अधिकारियों से निवेदन है कि वह जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करें . वरना गुरुग्राम में भयंकर स्थिति पैदा हो सकती है.
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