गुरुग्राम | यदि आपकी वार्षिक आय 3 लाख रूपए है और आपने अभी तक आयुष्मान कार्ड नहीं बनवाया है तो फटाफट इस काम को निपटा लें क्योंकि 15 अक्टूबर के बाद कार्ड बनवाना मुश्किल होगा. फिलहाल ऐसे परिवारों के लिए हरियाणा सरकार द्वारा इस सुविधा को शुरू किया गया है. आज इस खबर में हम जानेंगे कि आयुष्मान कार्ड योजना से जुडी कुछ जरुरी बाते…
सालाना 5 लाख तक मुफ्त इलाज की सुविधा
23 सितंबर 2018 काे केंद्र सरकार द्वारा आयुष्मान योजना (Ayushman Yojana) की शुरूआत की गई थी. हरियाणा सरकार से इसे आगे बढ़ाते हुए सालाना आय 1.80 लाख से कम वाले लाेगाें के लिए 21 फरवरी 2022 काे चिरायु याेजना लांच की थी. इस याेजना के लाभार्थियों काे आयुष्मान याेजना से मर्ज किया गया था, ताकि लाेगाें काे सालाना 5 लाख रुपये का फ्री इलाज मिल सकें.
इस योजना की शुरुआत में सालाना आमदनी 1 लाख 20 हजार रूपए निर्धारित की गई थी जिसे बाद में बढ़ाकर 1 लाख 80 हजार रूपए कर दिया गया था. इन दिनों सीएम मनोहर लाल की घोषणा के बाद 3 लाख रूपए सालाना आमदनी वाले परिवारों को आयुष्मान कार्ड जारी किए जा रहे हैं.
आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए परिवार पहचान पत्र और आय वेरिफिकेशन अनिवार्य है. इसके अलावा, कार्ड बनवाने के लिए 1500 रूपए का भुगतान करना होगा. यह कार्ड 1 साल तक मान्य होगा. कार्ड धारकों को इसके माध्यम से सालभर में 5 लाख तक के मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी. मुख्यमंत्री स्पष्ट कर चुके हैं कि परिवार पहचान पत्र (PPP) एक महत्वपूर्ण दस्तावेज बन चुका है और इसके बिना सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा.
1352 तरह की जांच और सर्जरी शामिल
आयुष्मान योजना में 1352 तरह की जांच और सर्जरी आदि में 5 लाख रुपये तक की निशुल्क चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जा रही है. वहीं, गुरुग्राम जिले की बात करें तो यहां 29 सरकारी व निजी अस्पताल योजना में नि:शुल्क इलाज मुहैया कराने के लिए रजिस्टर्ड हैं.
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!3 लाख आय वर्ग वाले लोगों के कार्ड बनवाने के समय सीमा फिलहाल 15 अक्टूबर निर्धारित की गई है. कार्ड बनवाने के लिए परिवार पहचान पत्र और आय सत्यापन अनिवार्य है. गुरुग्राम में एक लाख से अधिक लोग ऐसे हैं जिनका आयुष्मान कार्ड बनवाने की लिस्ट में नाम शामिल हैं लेकिन वह कार्ड बनवाने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं. ऐसे ही लोगों की खोज करने की जिम्मेदारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, बीडीओ को सौंपी गई है- डॉ. विरेंद्र यादव, सिविल सर्जन, गुरुग्राम