गुरुग्राम | दिल्ली- जयपुर (NH- 48) हाइवे पर सरहौल टोल पर लगने वाले भीषण ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने की योजना पर काम शुरू हो गया है. अब यहां पर कमर्शियल और निजी वाहन अलग- अलग लेन में चलेंगे. इतना ही नहीं, अब यहां ट्रैफिक भी आपस में मर्ज नहीं होगा. नेशनल हाईवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) और ट्रैफिक पुलिस ने पिछले साल बनाई गई योजना को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है. अब यहां पर स्थाई तौर पर सीमेंटेड बेरिकेडिंग की जाएगी.
हर रोज 3 लाख से अधिक वाहनों की मूवमेंट
NH- 48 पर स्थित सरहौल टोल प्लाजा से रोजाना करीब तीन लाख वाहनों की आवाजाही रहती है. यहां से न केवल दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा, सोनीपत, बहादुरगढ़ सहित हरियाणा से ट्रैफिक मूवमेंट रहती है बल्कि NCR के शहरों उद्याेग विहार, एमजी रोड, साइबर हब, मानेसर, खांडसा सहित औद्योगिक क्षेत्रों से भी ट्रैफिक की आवाजाही रहती है. इसके अलावा, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान सहित दूसरे राज्यों से कच्चा माल लेकर गुरुग्राम- दिल्ली और यूपी में यहां से भारी वाहन निकलते हैं.
अभी मर्ज हो जाता है ट्रैफिक
सरहौल टोल से दिल्ली की ओर जाते समय लेफ्ट साइड में एमसीडी का टोल प्लाजा स्थित है. ऐसे में यहां कमर्शियल वाहनों को दिल्ली में एंट्री करने पर टोल टैक्स का भुगतान करना पड़ता है. दूसरे प्राइवेट वाहनों का टोल टैक्स नहीं लगता है. 28 लेन के इस टोल प्लाजा पर 8 लेन टोल प्लाजा के पास है.
ऐसे में कमर्शियल वाहन दिल्ली जाते समय लेफ्ट की बजाय राइट साइड से प्राइवेट वाहनों के साथ टैक्स बचाने के चक्कर में निकलते हैं. फिलहाल, यहां प्लास्टिक और लोहे की बेरिकेडिंग है, जिन्हें शाम के समय कमर्शियल वाहन चालक साइड में करके या गिराकर राइट साइड की लाइनों में घुस जाते हैं. इससे यहां ट्रैफिक आवागमन भारी जाम में तब्दील हो जाता है.
सीमेंटेड बेरिकेडिंग पर काम शुरू
NHAI और ट्रैफिक पुलिस ने बार- बार जाम की स्थिति उत्पन्न होने और ट्रैफिक के आपस में मर्ज होने की समस्या से छुटकारा पाने के लिए स्थाई तौर पर बेरिकेडिंग करने की योजना बनाई है. इसके बाद, यहां 600 मीटर तक सीमेंटेड बेरिकेडिंग लगाने का काम शुरू हो गया है. इस योजना के बाद काफी हद तक सरहौल टोल पर हेवी ट्रैफिक और जाम से राहत मिलेगी.
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