चंडीगढ़ । गुरुग्राम, फरीदाबाद सहित हरियाणा में जिन वृद्धजनों को पेंशन नहीं मिली है. उनके खाते में 2 दिन के भीतर पेंशन के पैसे आ जाएंगे. इसी के साथ ही अब बुजुर्ग लोगों को पेंशन बनवाने के लिए समाज कल्याण विभाग के धक्के खाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. क्योंकि जो लोग परिवार पहचान पत्र बनवा चुके हैं उन व्यक्तियों की उम्र 60 वर्ष होते हैं. उनकी पेंशन अपने आप बना दी जाए. साथ ही जिन लोगों के पास अपनी जन्मतिथि को सत्यापित करने का कोई प्रूफ नहीं है, उनके लिए सरल प्रणाली अपनाने को लेकर सरकार मंथन कर रही है.
पेंशनधारकों को दिसंबर और जनवरी की नहीं मिली पेंशन: विपक्ष
वहीं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्षी नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा, किरण चौधरी, अशोक अरोड़ा समेत कई अन्य नेताओं ने आरोप लगाया है कि प्रदेश की मौजूदा सरकार ने बड़ी संख्या में पेंशनधारकों को अभी तक दिसंबर और जनवरी महीने की पेंशन माहिया नहीं कराई है. साथ ही पेंशन को परिवार आईडी कार्ड से जोड़ कर हरियाणा सरकार ने हजारों बुजुर्गों की पेंशन काट दी है. और अब बड़ी संख्या में बुजुर्गों, विधवाओं, दिव्यांजनों की पेंशन को काटने की तैयारी हो रही है.
अन्य राज्यों की तुलना में हरियाणा सरकार देती है सबसे अधिक पेंशन
विपक्ष के इन आरोपों को खारिज करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ अमित अग्रवाल ने कहा है कि प्रदेश में वृद्धजन पेंशन समय पर दी जा रही है. और इसे खत्म नहीं किया जा रहा. मौजूदा समय में बुजुर्गों को 2500 रुपए पेंशन मुहैया कराई जा रही है. जो अन्य राज्यों की तुलना में काफी अधिक है.
अन्य राज्यों में वृद्धजनों को क्या मिलती है पेंशन
राज्यों के स्तर पर वृद्धजन पेंशन की बात करें तो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बुजुर्गों को प्रति माह ₹2000 बतौर पेंशन दिया जाता है. वही पंजाब और हरियाणा में बुजुर्गों को महज 1500 रुपए प्रतिमाह दिया जाता है. वही राजस्थान में यह पेंशन 750 से 1000 के बीच में है. हरियाणा में प्रतिमाह बुजुर्गों को 2500 रुपए पेंशन के तौर पर मुहैया कराई जाते हैं.
बीते 7 साल में हरियाणा में क्या रहा वृद्धजन पेंशन का ग्राफ
2013-14 – 1000 प्रति महा
2014-15 – 1200 प्रति महा
2015-16 -1400 प्रति महा
2016-17 -1600 प्रति महा
2017-18 -1800 प्रति महा
2018-19 – 2000 प्रति महा
2019-20 – 2250 प्रति महा
2020-21 – 2500 प्रति महा