गुरुग्राम | साईबर सिटी गुरुग्राम और मानेसर में नगर निगम चुनावों की सुगबुगाहट शुरू हो गई है. प्रदेश सरकार ने वार्डबंदी को लेकर गठित की गई कमेटी में बदलाव करते हुए इसका दोबारा से गठन किया है. ऐसे में माना जा रहा है कि अप्रैल के आखिर या मई महीने की शुरुआत में चुनाव हो सकतें हैं.
पूर्व में गठित की गई कमेटी की अध्यक्षता में वार्डबंदी का प्रारुप लगभग एक महीने पहले तैयार कर लिया गया था. इस प्रारुप में पुराने वार्डों के क्षेत्र बदलने के साथ ही क्रम में भी बदलाव हो गया. गुरुग्राम में 35 की जगह 40 और मानेसर में 20 वार्ड बनाएं गए हैं. वार्डबंदी की रिपोर्ट सरकार के पास भेजी जाएगी. वार्डों को लेकर दावे और आपत्ति लिए जाएंगे. इसके बाद, वार्डबंदी पर अंतिम मुहर लगेगी.
सोसायटी के वार्ड गांव से अलग बनाने की मांग
बता दें कि मानेसर नगर निगम में पहली बार चुनाव होने जा रहे हैं. पहली बार हुई मानेसर की वार्डबंदी में आरडब्ल्यूए ने सोसायटियों के वार्ड गांव से अलग बनाने की मांग उठाई थी. वहीं, गुरुग्राम में भी वार्डबंदी को लेकर जनप्रतिनिधियों सहित नागरिक आपत्ति जता रहे हैं क्योंकि कई पुराने वार्डों के क्षेत्रों का बंटवारा दो से तीन नए वार्डों में कर दिया गया है.
नई कमेटी में इन्हें दी गई जगह
गुरुग्राम और मानेसर नगर निगम चुनाव के लिए होने वाली वार्डबंदी को लेकर गठित की गई नई कमेटी का चेयरपर्सन जिला उपायुक्त को नियुक्त किया गया है. दोबारा गठित कमेटी में पूर्व मेयर विमल यादव, निवर्तमान डिप्टी मेयर सुनीता यादव, प्रताप नगर निवासी यशपाल बतरा, वजीरपुर से भूपेंद्र चौहान और गांव चौमा से रंजीत को शामिल किया गया है. वार्डबंदी को लेकर दोबारा गठित की गई नई एडहाक कमेटी की बैठक नौ मार्च को होगी.
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