द्वारका एक्सप्रेसवे पर तमाम अड़चनें होगी दूर, NHAI ने हरियाणा सरकार के सामने रखें ये 5 मुख्य मुद्दे

गुरुग्राम | हरियाणा की साईबर सिटी गुरुग्राम को दिल्ली से कनेक्टिविटी देने वाले द्वारका एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य अंतिम चरण में पहुंच चुका है. इसमें आ रही तमाम बाधाओं को दूर करने के लिए नेशनल हाईवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के चेयरमैन संतोष कुमार यादव ने हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल को पत्र लिखकर मुख्य 5 विषयों से अवगत करवाया है.

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मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा गया है कि संबंधित विषयों पर अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से समाधान करने के लिए निर्देशित किया जाए. NHAI चेयरमैन ने बताया कि द्वारका एक्सप्रेसवे का निर्माण एक एक्सेस नियंत्रित शहरी एक्सप्रेसवे के रूप में किया गया है. मास्टर प्लान को ध्यान में रखते हुए केवल निर्दिष्ट स्थानों पर द्वारका एक्सप्रेसवे पर Entry- Exit की सुविधा होगी.

उन्होंने बताया कि गुरूग्राम मेट्रो डिवलेपमेंट ऑथोरिटी (GMDA) द्वारका एक्सप्रेसवे तक स्थानीय यातायात की पहुंच प्रदान करने के लिए एक्सप्रेसवे के साथ सेक्टर रोड़ (हरित बेल्ट से सटी हुई) विकसित करना है.

गलत तरीके से एंट्री पर प्रतिबंध की मांग

हालांकि, GMDA द्वारा सेक्टर रोड़ के निर्माण में देरी के कारण, स्थानीय यातायात अनाधिकृत तरीके से द्वारका एक्सप्रेसवे पर एंट्री कर रहे हैं, जो एक सड़क सुरक्षा का खतरा है. GMDA और जिला प्रशासन को कई बार अवगत कराने के बावजूद भी अभी तक कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है.

कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई

संतोष कुमार यादव ने पत्र में लिखा है कि द्वारका एक्सप्रेसवे और साथ लगते सेक्टरों को जलभराव से बचाने के लिए GMDA को एनपीआर पर दिल्ली- हरियाणा सीमा से बसई ROB स्टेशन तक सेक्टर ड्रेन का निर्माण करना है.

NHAI ने कई बार GMDA द्वारा इस संबंध में उपाय करने को कहा गया है लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है. हरियाणा सरकार ने 50- 50% हिस्सेदारी के आधार पर सीपीआर के साथ मास्टर स्टॉर्म वॉटर ड्रेन का निर्माण कार्य पूरा किया है. ऐसे में जल्द- से- जल्द इन विषयों के समाधान को लिखा गया है.

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