हरियाणा के इस एक्सप्रेसवे पर सेटेलाइट से कटेगा टोल, जानें कैसे काम करेगी ये नई तकनीक

गुरुग्राम | देश के सबसे छोटे और हाईटेक द्वारका एक्सप्रेसवे पर सफर करने वाले वाहन चालकों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है. नेशनल हाईवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने इस एक्सप्रेसवे पर सेटेलाइट से टोल वसूलने की तैयारी शुरू कर दी है. हिंदुस्तान के पहले अर्बन एक्सप्रेसवे पर नई तकनीक से दो महीने बाद टोल वसूली की प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी.

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बता दें कि करीब 18 किलोमीटर लंबे द्वारका एक्सप्रेसवे के हरियाणा में गुरुग्राम वाले हिस्से पर वाहनों की आवाजाही शुरू हो चुकी है. इस एक्सप्रेसवे के शुरू होने से गुरुग्राम- दिल्ली के बीच सफर करने वाले लोगों को भीषण ट्रैफिक जाम से छुटकारा मिल रहा है और घंटों का सफर चंद मिनटों में तय हो रहा है.

NHAI की ओर से बेंगलुरु- मैसूर हाइवे पर सेटेलाइट तकनीक से टोल वसूली का ट्रायल किया जा रहा है. द्वारका एक्सप्रेसवे पर तमाम व्यवस्थाओं को अपडेट कर ही टोल वसूली आरंभ होगी. इस लिहाज से यह देश का पहला सैटेलाइट सिस्टम से टोल वसूली वाला एक्सप्रेसवे बनेगा. इस एक्सप्रेसवे पर देश का सबसे बड़ा 34 लेन का टोल प्लाजा बनाया गया है. अब सैटेलाइट से टोल वसूली के मामले में भी यह देश का पहला एक्सप्रेसवे होगा.

ऐसे कटेगा टोल

इस नई तकनीक के तहत वाहन चालकों को टोल गेट पर ब्रेक लगाने की आवश्यकता नहीं होगी. वाहन के चलते रहने के दौरान ही अपने आप टोल वाहन चालक के अकाउंट से कट जाएगा. खास बात यह होगी कि एक्सप्रेसवे पर जितनी किलोमीटर की आप यात्रा करेंगे, उसी हिसाब से आपसे टोल वसूला जाएगा.

एक्सप्रेसवे के Entry- Exit प्वाइंट्स पर ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर कैमरे लगाए गए हैं. जैसे ही वाहन चालक इस एक्सप्रेसवे पर प्रवेश करेगा तो उसकी वाहन संख्या और वाहन का प्रकार NHAI के मॉर्डन इंटेलिजेंस सिस्टम में दर्ज हो जाएगा.

SMS पर मिलेगी पूरी जानकारी

द्वारका- गुरुग्राम बॉर्डर पर बजघेड़ा के पार टोल गेट के पास मॉर्डन इंटेलिजेंस सिस्टम से लैस कंट्रोल रूम बनाया गया है. प्रवेश के बाद जब वाहन एक्सप्रेसवे पर अपनी यात्रा पूरी कर निकलेगा तो वह लोकेशन भी इंटेलिजेंस सिस्टम दर्ज कर लेगा. जैसे ही एक्सप्रेसवे पर यात्रा पूरी होगी, किलोमीटर के हिसाब से टोल कट जाएगा और वाहन चालक को मोबाइल पर बाकायदा टोल की राशि, कितने किलोमीटर की यात्रा का SMS भी मिलेगा.

ऐसे होगी मॉनिटरिंग

GPS टोल कलेक्शन सिस्टम ग्लोबल नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम पर काम करता है. वाहन की एकदम सटीक लोकेशन ट्रैक होती है. दूरी के हिसाब से टोल टैक्स कैलकुलेट कर पैसा कटेगा. इसके लिए ऑफशोर बैंकिंग यूनिट (OBU) के साथ डिजिटल वॉलेट लिंक किया जाएगा और इस वॉलेट के जरिए पैसा कटेगा. OBU एक बैंक शेल शाखा है जो व्यक्तिगत और व्यावसायिक लेनदेन के लिए इस्तेमाल होती है.

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