गुरूग्राम | अरावली क्षेत्र में डबल डेकर ट्रेन के लिए बनाई जा रही दुनिया की पहली सुरंग पर ट्रैक बिछाने का काम शुरू हो चुका है. वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रंट कॉरिडोर पर करीब 1 Km लंबी इस सुरंग पर रेल लाइन बिछाने का काम इस महीने में पूरा कर लिया जाएगा. इसी महीने कॉरिडोर के तावडू से पृथला भाग तक हर हाल में ट्रैक बिछाने का टारगेट रखा गया है ताकि अप्रैल से दादरी- रेवाड़ी रूट पर मालगाड़ी चलाई जा सके. दादरी से पृथला और तावड़ू से रेवाड़ी तक का भाग पूरी तरह बनकर तैयार हो चुका है. ऐसे में तावडू से पृथला भाग तैयार होते ही इसका लाभ दिखाई देगा.
मालगाड़ियों के लिए फ्री सिग्नल ट्रैक को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रंट कॉरिडोर विकसित कर रही है. कॉरिडोर का काम जल्द से जल्द पूरा और बेहतर तरीके से पूरा हो, इसके लिए काम को कई भागों में बांटकर किया जा रहा है.
इनमें से एक भाग उत्तर प्रदेश में दादरी से लेकर हरियाणा में रेवाड़ी तक है और इसी भाग पर सोहना के नजदीक अरावली क्षेत्र में सुरंग बनाई गई है. ट्रैक बिछाने का काम पूरा होते ही सबसे पहले डीजल इंजन और फिर इलेक्ट्रिक इंजन को ट्रायल के तौर पर उतारा जाएगा. इसी महीने के भीतर काम पूरा कर ट्रायल करने का फैसला लिया गया है.
सुरंग की खासियत
- इस सुरंग से न केवल डबल डेकर बल्कि एक साथ दो ट्रेनें निकल सकेंगी.
- इस सुरंग की चौड़ाई 15 मीटर जबकि उंचाई 12 मीटर है. दावा किया गया है कि दुनिया के किसी भी कोने में ऐसी सुरंग नहीं है, जिससे होकर डबल डेकर ट्रेन गुजरती हो.
- यहीं नहीं, दुनिया में ऐसी भी सुरंग नहीं है जिससे होकर एक साथ दो ट्रेनें गुजरती हो.
महाराष्ट्र से यूपी तक चलेगी ट्रेनें
बता दें कि वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रंट कॉरिडोर (WDFC) जवाहरलाल नेहरू पोर्ट टर्मिनल (महाराष्ट्र) से दादरी (यूपी) तक विकसित किया जा रहा है. यह पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र से होकर गुजरेगा. 1504 km लंबे इस कॉरिडोर पर औसतन 100 km प्रति घंटे की रफ्तार से मालगाड़ी दौड़ेगी. इस कॉरिडोर के चालू होने से सड़कों पर माल ढुलाई करने वाले वाहनों का दबाव काफी हद तक कम हो जाएगा.
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