हरियाणा बोर्ड ने लिए 2 बड़े फैसले, 6 से 10 कक्षा तक के विद्यार्थियो को लेकर अपडेट

चंडीगढ़ । हरियाणा में स्कूली शिक्षाओं को लेकर दो बड़े फैसले सरकार द्वारा लिए गए हैं. बता दें कि सरकार ने हाल ही में कक्षा 6 से 10 तक के इतिहास के पाठ्यक्रमों में बदलाव करने का फैसला लिया है. साथ ही, अब एनसीईआरटी की पुस्तकों का उपयोग प्रदेश के सभी स्कूलों में किए जाने के निर्देश दिए हैं.

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पहला फैसला: इतिहास में बदलाव

हरियाणा सरकार ने कक्षा 6 से 10 तक के इतिहास के पाठ्यक्रमों में बदलाव करने का निर्णय लिया है. बता दें कि इतिहास में अंग्रेजों और मुगलों को लेकर पढ़ाया जाता था और अंग्रेज़ों और मुगलों की ही ज्यादा जानकारी इतिहास के पन्नों में उपलब्ध थी. मगर अब बदलाव के बाद इतिहास में भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस और चंद्रशेखर आजाद जैसे देशभक्तों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी जाएगी. यानी कि अब बच्चों को इन सभी देशभक्तों के बारे में ज्यादा जानकारी मिलेगी.

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आपको जानकारी के लिए बता दे कि इससे पहले इतिहास में बदलाव 36 साल पहले किया गया था. आपातकाल के दौरान उस वक्त के शिक्षा मंत्री अर्जुन सिंह ने पूरे देश भर में इतिहास में बदलाव के निर्देश दिए थे. अब 36 साल बाद हरियाणा सरकार ने इतिहास में बदलाव किया है. इससे पहले गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान में भी इतिहास में कुछ बदलाव किया जा चुका है.

दूसरा फैसला: एनसीईआरटी की किताबें जरूरी

अब माता पिता को स्कूलों में अतिरिक्त पैसे देने की आवश्यकता नहीं होगी. बता दें कि स्कूल अपनी मनमानी करके निजी प्रकाशको की पुस्तकों से बच्चों को पढ़ाते थे, इन प्रकाशको की पुस्तकें महंगी होती है और बच्चों के माता-पिता पर अधिक पैसे देने का दबाव होता है. मगर अब हरियाणा सरकार ने इस मामले में सुधार के आदेश दे दिए हैं, यानी कि अब बच्चों के माता-पिता को अधिक पैसे देने की आवश्यकता नहीं होगी.

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हरियाणा सरकार शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए लगातार काम कर रही है. इसी कड़ी में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं कि निजी स्कूलों को भी एनसीईआरटी की किताबों से पढ़ाया जाए. इसके अलावा, सीबीएसई बोर्ड के मॉडल सरकारी स्कूलों में भी एनसीईआरटी की किताबें लगाई जाएंगी.

वास्तव में देखा गया है कि निजी स्कूल निजी प्रकाशकों की किताबों से शिक्षा करवाते हैं, जिससे बच्चों के साथ-साथ अभिभावकों पर भी अतिरिक्त वित्तीय बोझ बढ़ जाता है. अगर सरकार इस फैसले को सख्ती से लागू करती है तो अभिभावकों को राहत मिलना तय है. लेकिन देखना होगा कि इस फैसले को जमीनी स्तर पर लागू किया जा पाता है या नहीं.

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इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि हरियाणा सरकार की ओर से स्पष्ट निर्देश है कि सभी स्कूलों को एनसीईआरटी की किताबों से ही पढ़ाया जाएगा. शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से सभी निजी स्कूलों को ये निर्देश दिए गए हैं, अगर किसी निजी स्कूल के खिलाफ शिकायत मिलती है तो जांच के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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