चंडीगढ़ | हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (HBSE) द्वारा नौवीं से बारहवीं कक्षा के पाठ्यक्रम में बदलाव किया जा सकता है. यह कोर्स नई शिक्षा नीति के अनुरूप होगा. स्थानीय स्तर पर शिक्षा विशेषज्ञों की ओर से ओपिनियन पोल किया गया है. इसके मुताबिक, शिक्षकों से लेकर कुलपति, प्राचार्य और शिक्षकों ने भी अपनी राय भेजी है. अधिकांश ने शिक्षा में गुणवत्ता, रोजगार और राष्ट्रीयता को महत्व दिया है. शैक्षणिक सत्र 2023- 24 के प्रारंभ से योजना को शिक्षा बोर्ड द्वारा क्रियान्वित किया जाना है.
हेल्पलाइन नंबर किया जारी
इसके तहत, बोर्ड की वेबसाइट पर दिए गए गूगल फॉर्म के लिंक के माध्यम से या दिखाए गए क्यूआर कोड पर क्लिक करके शिक्षा विशेषज्ञों से 26 जनवरी तक नौवीं से बारहवीं तक का विस्तृत पाठ्यक्रम, उसका पूरा विवरण, प्रश्नपत्र डिजाइन सहित, नमूना प्रश्न पत्र और एक विस्तृत मूल्यांकन योजना तैयार करने को कहा गया. इस संबंध में एक हेल्पलाइन नंबर 9416762627 भी जारी किया गया.
21 और 24 को भी सिलेबस पर होगी समीक्षा
शिक्षकों से सुझाव मांगने का यह सिलसिला अब नहीं रुकेगा बल्कि इस कड़ी को आगे बढ़ाने का काम किया जाएगा. इसी कड़ी में अब अगला चरण 21 मार्च से और फिर तीसरा चरण 24 मार्च से शुरू होगा. उसके बाद, निर्धारित पाठ्यक्रम को लागू करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा.
भविष्य में बच्चे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा कर सकेंगे प्राप्त
नवीन गुलिया (डीईओ, सोनीपत) ने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया राष्ट्रीय शिक्षा नीति की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कक्षा 9वीं से 12वीं के पाठ्यक्रम में गुणात्मक सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाने को लेकर है. इस पर विशेषज्ञों द्वारा आवश्यक सुझाव दिए गए हैं. उम्मीद है कि नए सुझाव पर आधारित पाठ्यक्रम से बच्चे भविष्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे.
ऐसे दिए हैं सुझाव
- स्मार्ट शिक्षा को अंग्रेजी पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए ताकि छात्रों की शैली में सुधार हो.
- नैतिक शिक्षा से संबंधित विषयों को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए.
- मुगलों से संबंधित पाठ्यक्रम के बजाय राष्ट्रीयता से संबंधित मुद्दों को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए.
- स्कूली छात्रों की शिक्षा में रोजगार से जुड़े विषयों को भी शामिल किया जाना चाहिए.
- पाठ्यक्रम में बदलाव के साथ ही मूल्यांकन की व्यवस्था में सुधार के लिए विशेषज्ञों ने सुझाव भी दिए हैं.
- स्कूली छात्रों की शिक्षा में रोजगार से जुड़े विषयों को भी शामिल किया जाना चाहिए.
- पाठ्यक्रम में बदलाव के साथ ही मूल्यांकन की व्यवस्था में सुधार के लिए विशेषज्ञों ने सुझाव भी दिए हैं.