भिवानी | हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (HBSE) अब दसवीं के परीक्षार्थियों की परीक्षा साल में 2 बार संपूर्ण पाठ्यक्रम के साथ लेगा. शिक्षा बोर्ड ने कक्षा 10वीं की नए सत्र की वार्षिक परीक्षा में बड़ा बदलाव करने का फैसला लिया है. साथ ही, स्कूल अब बच्चों के आंतरिक मूल्यांकन के 20 अंक अपनी मर्जी से तय नहीं करेगा. ये नंबर अब शिक्षा बोर्ड की वेरिफिकेशन के बाद स्टूडेंट्स को मिलेंगे. साल में दो बार होने वाली इन परीक्षाओं में से जिस परीक्षा में बेहतर अंक होंगे, उसी के अंक की उसे मार्कशीट दी जाएगी.
बता दें कि हाल ही में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (BSEH) के एक दल ने गुजरात बोर्ड का दौरा कर वहां की शिक्षा प्रणाली को समझा और जाना था. इसके बाद, बोर्ड ने भी नए सत्र से दसवीं की सालाना परीक्षा हर छमाही पर कराने का निर्णय लिया है.
6 माह में होने वाली इस परीक्षा में परीक्षार्थी संपूर्ण पाठ्यक्रम की परीक्षा देगा. ऐसे में बोर्ड का मानना है कि इस पहल से स्टूडेंट्स को साल में एक की बजाय परीक्षा पास करने के दो अवसर मिलेंगे. इस हिसाब से स्टूडेंट्स 6 महीने में भी कक्षा दसवीं पास कर सकता है.
बोर्ड तय करेगा आंतरिक मूल्यांकन के अंक
अब तक स्कूलों में आंतरिक मूल्यांकन के नाम पर स्टूडेंट्स को स्कूल की तरफ से मनमर्जी से दिए जाने वाले 20 अंकों पर भी अंकुश लगेगा. ये अंक अब बोर्ड तय करेगा. इसके लिए नए मानक तय किए जाएंगे. हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड विद्या समीक्षा केंद्र की भी स्थापना करेगा. इसमें शिक्षक और शिक्षा की क्लास रूम से लाइव मॉनिटरिंग संभव हो पाएगी.
पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरुआत
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड पायलट प्रोजेक्ट तौर पर नए सत्र से 10वीं कक्षा की साल में दो बार परीक्षा लेगा यानि स्टूडेंट्स को साल में परीक्षा पास करने के दो चांस मिलेंगे. इसी तरह आंतरिक मूल्यांकन पद्धति में भी बोर्ड ने बड़ा बदलाव किया है. ये अंक बोर्ड की वेरिफिकेशन के बाद ही स्टूडेंट्स को मिलेंगे. कोई भी स्कूल मनमर्जी से ये अंक नहीं दे पाएगा. इसके लिए मानक तय किए जाएंगे- डॉ. वीपी यादव, अध्यक्ष, हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड, भिवानी