फतेहाबाद | हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (HBSE) की तरफ से कल 10वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम जारी किया गया था. 12वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम पहले ही जारी हो चुका है. इस बार के शानदार रिजल्ट का मुख्य कारण भिवानी बोर्ड का नया फॉर्मूला है. इसके चलते थ्योरी में जीरो नंबर लेने वाले भी पास हो गए है.
80 में से 15 नंबर मगर फिर भी पास
सुनने में यह थोड़ा अजीब जरूर लग रहा है पर आपको बता दें कि इस बार थ्योरी, असेस्टमेंट और प्रैक्टिकल तीनों को मिलाकर जिस विद्यार्थी के 33 नंबर हैं, उन्हें पास माना गया है. एक विद्यार्थी के गणित में थ्योरी में 80 में से 15 नंबर आए हुए हैं, मगर असेस्टमेंट के 18 नंबर हैं. दोनों के मिलाकर 33 होने से वह पास माना गया है. इसी प्रकार साइंस प्रैक्टिकल में 19 व असेस्मेंट के 18 नंबर दिए हैं, जबकि थ्योरी में 0 नंबर है तो इस विषय में भी बच्चा पास हो गया है.
एजुकेशन क्वालिटी में आएगी कमी: डीईओ
पहले विद्यार्थी को अकेली थ्योरी में 33 फीसदी नंबर लेने होते थे यानी थ्योरी का पेपर 80 नंबर का होता था, तो 27 नंबर वाला विद्यार्थी पास माना जाता था.
ऐसे में कहा जा रहा है कि इस पर का रिजल्ट घोषित करना घातक हो सकता है. ऐसा करने से एजुकेशन क्वालिटी कम हो सकती है. थ्योरी, प्रेक्टिकल व असेस्टमेंट मिलाकर पास करने का फार्मूला सही नहीं है. इससे पढ़ाई के लिए गंभीरता में कमी होगी. इससे साक्षरता जरूर बढ़ेगी, लेकिन क्वालिटी एजुकेशन घट जाएगी. बच्चे मेहनत कम करेंगे व शिक्षक निश्चित हो जाएंगे. असली रिजल्ट थ्योरी का होता है, थ्योरी में पास होने के बाद असेसमेंट के नंबर देने चाहिए.
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