हिसार । देश-प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है. कोरोना के बढ़ते केसों को देखते हुए हरियाणा सरकार ने कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवाना अनिवार्य कर दिया है और इसके साथ ही 3 जनवरी से 15 से 18 आयु वर्ग के बच्चों के लिए भी वैक्सीनेशन मुहिम भी छेड़ी हुई है. लेकिन इसी बीच हरियाणा के हिसार जिलें में नौवीं कक्षा के एक छात्र ने कोरोना वैक्सीन लगवाने से इंकार कर दिया है. इसके लिए उसने स्कूल प्रिंसिपल को पत्र लिखा है.
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय लाडवा में नौवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र ने पत्र में लिखा है कि कोरोना वैक्सीन एलोपैथिक चिकित्सा के अन्तर्गत आती है और उसका परिवार तथा वह खुद आर्युवेदिक पद्धति से जुड़े हुए हैं, ऐसे में वह कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाएगा. इसके अलावा आरटीआई से मिली जानकारी अनुसार भी कोरोना वैक्सीनेशन स्वेच्छा पर निर्भर करता है. ऐसे में कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाने वालों को सरकारी या प्राइवेट सुविधा से वंचित नहीं किया जा सकता है. सरकार द्वारा जबरदस्ती किसी पर वैक्सीनेशन को थोपने का फैसला सरासर गलत है.
वहीं इस मामले को लेकर जब स्कूल प्रिंसिपल अश्विनी काठपाल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वैक्सीन के लिए किसी छात्र से कोई जोर-जबरदस्ती नहीं की जा रही है. उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन मोटिवेट के तौर पर किया जा रहा है. कुछ छात्र अपनी मर्जी से कोरोना वैक्सीन लगवा रहे हैं तो कई छात्र इसके लिए इंकार कर रहे हैं.
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