हिसार | दक्षिण हरियाणा की राजनीति में खासा प्रभाव रखने वाले गुरुग्राम से BJP सांसद एवं केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर अपनी दावेदारी को त्याग दिया है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के पंचकूला में आयोजित बीजेपी कार्यकारिणी की बैठक में सीएम पद के लिए नायब सैनी के नाम के ऐलान के बाद राव इंद्रजीत पीछे हट गए हैं.
बीजेपी के भीतर भी गुटबाजी
हिसार में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि इसका फैसला हो चुका है और नायब सैनी की अध्यक्षता में ही विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा. यानि हरियाणा में यदि तीसरी बार भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनती है, तो नायब सैनी ही मुख्यमंत्री होंगे. वहीं, बीजेपी के भीतर गुटबाजी को उन्होंने खुले तौर पर स्वीकार कर सबको हैरत में डाल दिया. उन्होंने यहां तक कहा कि अभी यह गुटबाजी और अधिक बढ़ेगी.
कैबिनेट मंत्री न बनाने पर दी प्रतिक्रिया
केंद्र की मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री का पद नहीं मिलने पर राव इंद्रजीत सिंह ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि इस बार उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन उन्होंने कहा कि सबसे पुराना बार- बार राज्यमंत्री बनने वाला कोई है तो वह शायद मैं ही हूं.
CM दावेदारी में कैसे आया राव इंद्रजीत का नाम
गुरुग्राम से छठी बार सांसद बनने के बाद धन्यवाद सम्मेलन में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए हमने तैयारी करनी है. रूठे हुए लोगों को वापस मनाना होगा. दक्षिण हरियाणा के जरिए ही हमें सत्तासीन होना है. उनके सत्तासीन होने के बयान को CM कुर्सी से जोड़कर देखा गया था.
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