जानवरों को भी प्रदान किया जाएगा सुरक्षा कवच, जानवरों की वैक्सीन का हुआ निर्माण

हिसार | हरियाणा के हिसार के राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र में जानवरों के लिए वैक्सीन तैयार कर ली गई है. जानवरों पर लगने वाली वैक्सीन का प्रयोग वैज्ञानिकों ने सबसे पहले खरगोश और चूहों पर लैब में करके देखा था. इसके परिणाम सकारात्मक रहे हैं. इंसानों को काफी हद तक वैक्सीन लग चुकी है इसके बाद अब जानवरों के लिए वैक्सीन बनाने पर काम चल रहा था. वैज्ञानिक आपने कार्य में सफल रहे हैं. पशुओं के लिए देश में कोविड-19 की पहली वैक्सीन तैयार कर ली गई है. यह वैक्सीन अभी एडवांस स्टेज में चल रही है जिसके अंतर्गत इसे पशुओं को लगाया जाएगा.

Corona Virus Vaccine

जानवरों की वैक्सीन को सबसे पहले सेना के कुत्तों पर लगाया जाएगा इसका प्रमुख उद्देश्य उन्हें कोविड-19 से बचाना है. इसके साथ ही चिड़ियाघर में बिल्ली की प्रजाति जिसमें शेर चीता तेंदुआ आदि को वैक्सीन भी दी जाएगी. इन सभी जानवरों को वैक्सिंग देने के लिए एनआरसीई प्रबंधन जू अथॉरिटी से बातचीत कर रहा था.  वैज्ञानिकों का कहना है कि दीपावली के बाद टीका लगाने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा.

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जानिए जानवरों की वैक्सिंग की कुछ खास बाते

यह प्रोजेक्ट भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के निर्देशन में चला रहा है. स्थानीय स्तर पर एनआरसीई के निदेशक डॉक्टर यशपाल नेतृत्व कर रहे हैं. वैक्सीन बनाने वाली टीम में शामिल वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ नवीन कुमार बताते हैं कि वैक्सीन में डेल्टा वायरस का प्रयोग किया गया है वायरस की प्रकृति कई बार परिवर्तित होती रहती हैं. इसलिए हमने कोविड-19 के लेटेस्ट डेल्टा वायरस का वैक्सीन में प्रयोग किया पिछले कुछ महीनों से यह काम लैब में चल रहा था. वैक्सीन के काफी अच्छे परिणाम सामने आए मगर वैक्सीन को बाजार तक लाने में एक बड़ी प्रक्रिया है उन्हीं का संस्थान अनुसरण कर रहा है.

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जानिए रिसर्च के दौरान खरगोश पर क्या प्रभाव रहा

जानवरों पर प्रयोग होने वाली इस वैक्सीन का प्रयोग वैज्ञानिकों ने लैब में सबसे पहले खरगोश व चूहों पर किया है. इस प्रयोग के सकारात्मक प्रभाव देखे गए. इसके बाद ही इसे एडवांस स्टेज में भेजा गया है जिसमें अन्य जानवरों को भी है वैक्सीन दी जा सकेगी कोविड-19 का सबसे अधिक खतरा वैज्ञानिकों के अनुसार कुत्तो और बिल्ली की प्रजातियों को है. ऐसे में शुरुआत इन्हीं जानवरों पर प्रयोग कर की जा रही है. आपको यह भी बता दें कि कोविड-19 की दूसरी लहर के अंतर्गत हैदराबाद में एशियन शेरों में कोविड-19 का संक्रमण पाया गया था. तभी से आईसीएआर के पशु प्रभाग के उप महानिदेशक डॉ बी एन त्रिपाठी ने इस और काम करने के एनआरसीई  को निर्देश जारी किए थे. ताकि पशुओं के लिए रक्षा कवच बनाया जा सके.

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जाने कब तक लग सकती है जानवरों को वैक्सीन

वैज्ञानिकों के अनुसार वैक्सीन का सफल निरीक्षण रहा है और दीपावली के बाद से वैक्सीन लगाने के संदर्भ में काम प्रारंभ हो जाएगा. जितनी जल्दी हो सकेगा इतनी जल्दी सभी जानवरों को वैक्सीन लगाने का प्रयास किया जाएगा. यह सूचना वैज्ञानिकों द्वारा दी गई है और सभी जानवरों को जल्द कोविड-19 का टीका लगाया जाएगा. जिसके लिए वैज्ञानिक काफी समय से काम कर रहे हैं.

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