हिसार | हरियाणा के हिसार की अनीता कुंडू की कड़ी मेहनत और बुलंद हौसले ने उसके पर्वतारोही बनने के सपने को साकार कर दिया है. 12 साल की उम्र में पिता को खो देने वाली अनीता कुंडू तब भी नहीं टूटीं जब उन्हें मां के साथ दूध बेचकर रोजी-रोटी कमानी पड़ी. ऐसे में कुंडू की सफलता महिलाओं के लिए बहुत अहम है क्योंकि कई महिलाएं थक हार कर घर पर बैठ जाती हैं.
तीन बार एवरेस्ट किया फतह
हरियाणा के हिसार जिले के फरीदपुर में रहने वाली अनीता कुंडू 2013 से 2019 तक तीन बार माउंट एवरेस्ट फतह कर चुकी हैं. आने वाले साल में वह एक बार फिर एवरेस्ट की ऊंचाई फतह करना चाहती हैं. 2008 में पुलिस सेवा में शामिल होने के दौरान कुंडू ने पर्वतारोही बनने का फैसला किया. उन्होंने एक पर्वतारोहण बूट शिविर में दाखिला लिया और भोजन और पानी के बिना कठोर परिस्थितियों में जीवित रहने का प्रशिक्षण लिया.
कुंडू ने बताया कि उन्होंने पहली बार 2013 में नेपाल की तरफ से माउंट एवरेस्ट फतह किया था. 2015 में उन्होंने दोबारा तैयारी की थी लेकिन भूकंप के कारण बीच रास्ते से ही लौटना पड़ा. इसके बाद 2017 और फिर 2019 में यह इस ऊंचाई पर पहुंचीं.
पिता चाहते थे स्पोर्ट्स पर्सन बने
एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा था कि उनके पिता उन्हें एक स्पोर्ट्स पर्सन के तौर पर देखना चाहते थे. उन्होंने बताया कि पिता के निधन के बाद उनके भाई-बहनों और परिवार के सदस्यों के लिए जीवन जीना आसान नहीं था लेकिन पिता द्वारा दी गई सीख ने उनके हौसले को कभी टूटने नहीं दिया. उन्होंने आगे कहा कि उनके पिता कहा करते थे कि कैसी भी स्थिति हो हर लड़ाई को एक चुनौती के रूप में लेना चाहिए.
दूध भी बेचती थी कुंडू
कुंडू ने अपने स्कूल के दिनों को याद करते हुए बताया कि वह सुबह 4 बजे उठकर दूध बेचने का काम करती थी. उन्होंने बताया कि बचपन से ही वह जिंदगी में कुछ अलग करना चाहते थे. उनके पिता चाहते थे कि वे बॉक्सर बनें.
राष्ट्रपति मुर्मू ने भी की तारीफ
पिछले महीने दो दिवसीय हरियाणा दौरे पर आईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पूरे देश के सामने महिला सशक्तिकरण की बेहतरीन मिसाल पेश करने के लिए प्रदेश की बेटियों की तारीफ की थी. इस दौरान राष्ट्रपति ने कुंडू से भी मुलाकात की.
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