हिसार | भारत हमेशा से ही ऋषि- मुनियों का देश रहा है. यहां पर कई अवतारों ने जन्म लिया व इस देश के कई अनोखे रहस्य छिपे हुए हैं. इस देश में कई अनोखी कहानी भी दफन है. भारत में कई जगह ऐसी है जिनका रहस्य अभी भी छिपा हुआ है. यहां पुरातात्विक खोज के दौरान कभी किलो के रहस्य निकल कर सामने आते हैं, तो कभी चमत्कारिक इतिहास सुनाई देता है. भारत में एक ऐसा मंदिर भी है जो अपने चमत्कारिक पेड़ से घिरा हुआ है.
शायद आपको इस बात पर यकीन नहीं होगा लेकिन सच है कि पेड़ हवा में लटका हुआ है. जिसे देखकर आप पूरी तरह दंग रह जाएंगे. चलिए आपको इस पेड़ की पूरी कहानी के बारे में बताते हैं और बताते हैं इससे जुड़ा रहस्य, जो आपके लिए काफी दिलचस्प है.
वर्षों से हवा में झूल रहा बरगद का पेड़
हरियाणा के हिसार के हांसी में मौजूद समधा मंदिर अपनी ओर पर्यटकों को काफी आकर्षित करता है. इस मंदिर के पास एक ऐसा बरगद का पेड़ है, जिसकी कोई भी टहनी धरती पर नहीं है. इसके चलते यह पेड़ लंबे समय से हवा में ही झूल रहा है. इस पेड़ को लेकर माना जाता है कि इसका इस्तेमाल अपराधियों को मौत की सजा देने के लिए होता था. पेड़ को फांसी के फंदे के रूप में इस्तेमाल किया जाता था. यह पेड़ वर्षों से इसी तरह हवा में झूल रहा है.
पेड़ के नीचे जगन्नाथ महाराज किया करते थे तपस्या: लोग
यहां के स्थानीय लोगों के मुताबिक, यहां पर बाबा जगन्नाथ पुरी जी महाराज इसी पेड़ के नीचे बैठकर तपस्या किया करते थे. सन 1586 ई. में जब बाबा जगन्नाथ पुरी महाराज ने हांसी में डेरा डाला तो वहां कोई भी हिंदू नहीं रह गया था. स्थानीय लोगों का मानना है कि वह इस पेड़ के नीचे जगन्नाथ पुरी जी तपस्या किया करते थे और उन्होंने इसी तरह वहां समाधि ले ली. इस लटकते पेड़ का आशीर्वाद लेने के लिए लोग अभी भी दूर- दराज से आते हैं.
टूटे हुए पेड़ को सहारा देता है यह हिस्सा
इस पेड़ में स्थानीय लोगों की काफी आस्था है. लोग यहां पर इस पेड़ के चारों ओर नोट बांधकर अक्सर प्रार्थना करते हैं. लोग इस पेड़ को पूजते भी हैं. वहीं, कुछ साल पहले कई चैनलों के पत्रकार भी इस पेड़ की जांच पड़ताल में लग गए थे लेकिन उन्हें भी कोई सुराग नहीं मिला. पेड़ की जड़े या तना अलग होने के बाद भी इस पेड़ को जड़ों ने जिंदा रखा. जांच में पाया गया है कि बीच से टूटे हुए पेड़ के बगल में इसका एक और मजबूत हिस्सा मौजूद है, यह हिस्सा जमीन से जुड़ा हुआ है और टूटे हुए पेड़ को सहारा देता है.
वैज्ञानिकों ने बताया, इस कारण खड़ा है पेड़?
कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि बरगद के पेड़ की शाखा जब कच्ची जमीन से जुड़ती हैं, तो मिट्टी के अंदर उसकी जड़े निकल जाती है. शाखा से बनी इन जड़ों को प्रोप रूट कहते हैं. यह जड़ पेड़ की सभी शाखाओं तक पानी और पोषण दोनों देती है. यह शाखाएं इतनी मजबूत होती हैं कि यहां पुरानी शाखाएं टूटने के बाद भी यह जड़ उनका भार उठा लेती हैं. इसलिए यह पेड़ आज तक भी खड़ा हुआ है.
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