हिसार। गाजर घास जिसे आमतौर पर कांग्रेसी घास भी कहा जाता है. इसके एक पौधे के बीजों से 10 हजार से अधिक नए पौधों का जन्म होता है. आमतौर पर फरवरी मार्च के महीने में इस जहरीले घास के नए पौधे उत्पन्न हैं और सितंबर- अक्टूबर महीने में पौधे से बीज नीचे गिरकर नए पौधों का जन्म होता है.
यदि इस जहरीली घास को पूर्ण रूप से नष्ट नहीं किया गया तो भावी पीढ़ी के लिए यह बड़ा खतरा साबित होंगी और पर्यावरण प्रदुषण भी बढ़ेगा. इसलिए अगस्त व सितंबर के महीने में इन जहरीले पौधों को पूर्ण रूप से नष्ट करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाना चाहिए. इस जहरीली घास के पौधे के बीज हवा में उड़कर एक स्थान से दूसरे स्थान पर चलें जातें हैं. सामाजिक संस्था राह ग्रुप फाउंडेशन की ओर से हिसार जिले के एक दर्जन से अधिक जगहों पर गाजर घास को नष्ट करने के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाया गया है.
छूने मात्र से हों जाती है खुजली
इस जहरीले घास का फैलाव नहरों, सड़कों, रेलवे लाईन , खेतों आदि के किनारे पर तेजी से हो रहा है. यह जहरीली घास मानव स्वास्थ्य के साथ-2 जीव-जंतुओं, पशु-पक्षियों एवं फसलों के लिए बेहद हानिकारक है. इसके छूने भर से ही शरीर में खुजली होने लगती है.
हो सकतें हैं दर्जनों रोग
इस जहरीले घास के पौधे में पारथेनिन नामक जहरीला रसायन पदार्थ पाया जाता है. जो भी व्यक्ति या प्राणी इसके सम्पर्क में आ जाता है , उसे एलर्जी एवं खुजली , आंखों में जलन , बुखार, अस्थमा, जुखाम एवं श्वास संबंधी बीमारियां लगने की संभावना बढ़ जाती है. इसके अतिरिक्त यह खेत में फसल उत्पादन को भी प्रभावित करता है और पशुओं में भी अनेक बीमारियां फैलने का डर रहता है.
कैसे करें समाप्त
इस जहरीले घास को पूर्ण रूप से नष्ट करने का सबसे आसान तरीका इस पौधे को जड़ से उखाड़ कर जला दिया जाएं ताकि साथ में बीज भी जलकर नष्ट हो जाएं. कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार ग्लाईफोसेट व मैट्रिबूजिन नामक कैमिकलों का घोल तैयार कर गाजर घास पर स्प्रे करें.
फैलने की वजह
गाजर घास फैलने की प्रमुख वजह इसके बीज होते हैं जो खाद, सिंचाई पानी, हवा तथा वाहनों एवं रेलगाड़ियों के माध्यम से एक जगह से दूसरी जगह पर चलें जातें हैं. यह घास मुख्यत खुलें पड़े मैदानों , सड़कों एवं रेलवे लाईन के किनारे पर मिलती है.
सावधानी से उखाड़े
इसके गिने-चुने पौधों को ही हाथ से उखाड़े. अगर पौधे ज्यादा क्षेत्र में है तो हाथ से उखाड़ना सेहत के लिए ख़तरनाक साबित हो सकता है. हाथ से उखाड़ते समय ध्यान रखें कि शरीर से पौधों का सम्पर्क न होने पाएं. हाथों में रबड़ के दस्ताने या पॉलिथीन की थैलियों को लपेटा जा सकता है. जितना संभव हो सकें पौधों को जड़ से उखाड़ फेंकना चाहिए.
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