हिसार। कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कोविड अस्पताल का उद्घाटन किया था. जहां आंदोलनकारी किसानों और पुलिसकर्मियों के बीच टकराव हुआ था. इसी संबंध में करीब 350 किसानों पर हत्या के प्रयास का केस दर्ज किया गया था . अर्बन एस्टेट थाना प्रभारी इंस्पेक्टर वीरेंद्र कुमार की शिकायत पर केस दर्ज किया गया था.
टकराव की वजह से 20 पुलिसकर्मी हुए थे घायल
हिसार पुलिस की ओर से बुधवार रात को एक बयान जारी किया गया. इस बयान के अनुसार किसानों व पुलिस के बीच टकराव की वजह से 5 महिला सहित 20 पुलिसकर्मी घायल हुए थे. जिनका नागरिक अस्पताल में इलाज किया गया. वही पुलिस का कहना है कि शरारती तत्वों ने मुख्यमंत्री के हिसार से जाने के 45 मिनट बाद ही घटना को अंजाम देना शुरू कर दिया. जबकि साउथ बाईपास पर आंदोलनकारी किसान नहर पुल पर लगे, नाके को तोड़कर शहर की तरफ अंदर आ रहे थे. उस वक्त डीजेआई बार बार अनाउंसमेंट कर किसानों को यह सूचना दे रहे थे कि मुख्यमंत्री यहां से जा चुके हैं.
किसानों ने नाके को तोड़कर पुलिसकर्मियों के साथ की धक्का-मुक्की
पुलिस का कहना है कि यह बात भी सही है वरिष्ठ किसान नेताओं द्वारा भी किसान आंदोलन में सम्मिलित शरारती तत्व और नवयुवक को उस रास्ते पर जाने से रोकने का बहुत प्रयास किया गया, लेकिन आंदोलन में शामिल किसान किसी की बात सुनने के लिए तैयार नहीं थे. उन्होंने जिंदल पुल के पास लगाए नाके को तोड़ दिया. साथ ही डीएसपी व अन्य पुलिसकर्मियों के साथ भी धक्का-मुक्की की. शरारती तत्वों ने कई बार पुलिस कर्मियों व पुलिस बल पर गाड़ी और ट्रैक्टर से टक्कर मारने का प्रयास किया. पुलिस कर्मचारियों पर भारी पथराव भी किया गया.
बता दे कि किसान नेता स्थानीय जिला प्रशासन और पुलिस पर अपनी बात से मुकरने का आरोप लगा रहे है, इसी पर हिसार मंडल के आईजी राकेश कुमार आर्य ने कहा कि किसान नेता बरगला रहे है. उन्होंने स्पष्ट कहा कि हमारी और किसान नेताओं की बातचीत में मुकदमा दर्ज न करने की कोई बात नहीं हुई थी. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन से बिना बातचीत किए बगैर व मंजूरी न लेकर अपनी स्टेटमेंट जारी की थी. वह अपनी बातों में फंस गए है, जिसका दोष वह प्रशासन पर लगा रहे हैं.
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