हिसार | हरियाणा में मानसून की बारिश किसानों के लिए आफत बनकर बरस रही है. कई इलाकों में तेज हवाओं के साथ झमाझम बारिश से फसलों में नुकसान पहुंचा है. उत्तरी हरियाणा के ज्यादातर जिलों में धान की फसल पकाई पर है और कुछ जगहों पर पककर तैयार हो चुकी है. ऐसे में झमाझम बारिश के साथ तेज हवाएं चलने से फसल जमींदोज हो गई है. साथ ही खेतों में पानी खड़ा होने से फसल खराब होने की नौबत आ गई है.
वहीं, धान के साथ कपास चुगाई का काम जोरों पर है लेकिन बारिश के चलते चुगाई का काम प्रभावित हो गया है. बरसात से कपास काली होने का खतरा पैदा हो गया है. इससे कपास की उत्पादकता और गुणवत्ता दोनों ही प्रभावित होगी. बता दें कि बाजरे की फसल कटाई का काम भी बरसात से प्रभावित हो रहा है. साथ ही पैदावार में भी कमी देखने को मिल सकती है.
बिरानी क्षेत्र के लिए वरदान साबित होगी बारिश
बता दें कि जिन क्षेत्रों में बिरानी जमीन है वहां के किसानों के लिए यह बारिश किसी वरदान से कम नहीं है. सरसों व चना बिजाई करने वाले किसानों को इससे फायदा पहुंचेगा. सरसों व चने की बिजाई करने से पहले खेत में नमी बनाने की जरूरत होती है लेकिन इस बारिश से खेतों में नमी चली गई है. इससे बीज में फुटाव जल्दी होगा और किसानों का सिंचाई का खर्च बचने के साथ पैदावार भी अच्छी मिलेगी.
आगे कैसा रहेगा मौसम
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष मदन खिचड़ ने बताया कि, आने वाले दो दिन हरियाणा के अधिकांश क्षेत्रों में इसी तरह बारिश देखने को मिलेगी. उन्होंने कहा कि बारिश के साथ तेज हवा चली तो निश्चित रूप से फसलों में नुकसान पहुंच सकता है. खेतों में इस समय धान और बाजरे की फसल कटाई का काम शुरू हो चुका है. साथ ही कपास चुगाई का काम भी जोरों पर है.
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