हिसार | हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस नेताओं के बीच जमकर गुटबाजी चली. इसका खामियाजा पार्टी को जीत के बहुत करीब होते हुए भी हार के रूप में भुगतना पड़ा. मुख्यमंत्री पद को लेकर भुपेंद्र हुड्डा और कुमारी शैलजा के बीच में छिड़ी रार का असर काफी ज्यादा दिखाई दिया. सीएम कुर्सी पर दावा ठोकने वाली कुमारी शैलजा अपने पैतृक गांव से भी कांग्रेस के उम्मीदवार को जीत नहीं दिला पाई.
शैलजा के गांव में हारी कांग्रेस
कुमारी शैलजा का पैतृक गांव हिसार जिले की उकलाना विधानसभा में प्रभुवाला पड़ता है और कुमारी शैलजा की नाराजगी का असर उनके पैतृक गांव से लेकर बूथ तक देखने को मिला. उनके गांव में बीजेपी प्रत्याशी अनुप धानक को 1889 वोट मिले, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार नरेश सेलवाल को महज 906 वोट मिले.
बीजेपी उम्मीदवार को यहां कांग्रेस प्रत्याशी से 983 वोट ज्यादा प्राप्त हुए. यानि कुमारी शैलजा के गांव में ही कांग्रेस बुरी तरह से हारी है. इससे पहले 2009 से ही यहां कांग्रेस हर चुनाव में जीत दर्ज करती आ रही थी. टिकट आवंटन में कुमारी शैलजा को महत्व नहीं दिए जाने की नाराजगी उनके पैतृक गांव में साफ दिखाई दी है.
शैलजा के बूथ पर हारी कांग्रेस
कुमारी शैलजा ने हिसार के अर्बन एस्टेट में अपना निवास बनाया हुआ है और वह अर्बन एस्टेट-2 में स्थित NYPS स्कूल के बूथ नंबर 111 पर मतदान करती है. इस बूथ पर कुमारी शैलजा हिसार से कांग्रेस प्रत्याशी रामनिवास राड़ा के साथ वोट डालने पहुंचीं थीं, मगर इस बूथ पर कांग्रेस को करारी हार झेलनी पड़ी है. इस बूथ पर पड़े कुल 615 वोटों में से कांग्रेस प्रत्याशी को महज 58 वोट हासिल हुए हैं, जबकि बीजेपी के कमल गुप्ता को 64 और निर्दलीय प्रत्याशी सावित्री जिंदल को सबसे ज्यादा 348 वोट मिले हैं.
विधानसभा सीट पर जीती कांग्रेस
वहीं, उकलाना विधानसभा सीट पर चुनावी नतीजे की बात करें तो यहां से कांग्रेस प्रत्याशी नरेश सेलवाल को जीत हासिल हुई है. उन्होंने 78,848 वोट हासिल करते हुए बीजेपी प्रत्याशी अनूप धानक को 28,092 वोटों के अंतर से हराया.
शैलजा के समर्थकों की कटी थी टिकट
बता दें कि हिसार जिले की हांसी, नारनौंद, बरवाला और उकलाना में कुमारी शैलजा अपने समर्थकों के लिए टिकट मांग रही थी, लेकिन कांग्रेस ने उनको तवज्जो नहीं दी. इन सीटों पर भुपेंद्र हुड्डा के खासमखास नेताओं को टिकट दी गई, जिससे नाराज शैलजा ने चुनाव प्रचार से दूरी बनाए रखी और इसका असर मतदान पर देखने को मिला.
कांग्रेस नारनौंद और उकलाना सीट ही जीत पाई और बरवाला व हांसी से हार का सामना करना पड़ा. नारनौंद सीट पर जीत के लिए कांग्रेस को काफी संघर्ष करना पड़ा, जबकि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने नारनौंद और उकलाना से बड़े मार्जिन से जीत हासिल की थी.
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