हिसार | जिला वासियों के लिए एक बहुत ही अच्छी खबर निकल कर सामने आ रही है. हिसार में, चाहे ग्रामीण क्षेत्र हो या शहरी क्षेत्र, बेसहारा पशुओं की वजह से लोगों को बहुत सी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. सड़को पर बेसहारा पशु घूमते रहते हैं जिससे लोग एवं पशु हादसों का शिकार हो जाते हैं. काफी समय बाद प्रशासन हरकत में आया है. आज हिसार के उपायुक्त अनीश यादव ने नगर निगम, पशु पालन एवं डेरी विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की है. इस बैठक में उन्होंने सभी अधिकारियों से समस्या और उनके समाधान के बारे में विचार विमर्श किया औऱ एक रणनीति बनाई.
पशु पकड़ने की जिम्मेदारी किसकी
अब हिसार शहर में नगर निगम को ही बेसहारा पशुओं को पकड़ कर गौशालाओं में पहुंचाने का जिम्मा दिया गया है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रो की बात करें तो ब्लॉक पंचायत विकास अधिकारी के जरिये इस अभियान को संचालित किया जायेगा. सोमवार तक सभी विभागों को टीम बना कर अभियान शुरू करने के आदेश दिये गए हैं. प्रशासन ने माना है कि जिले मे 4500 बेसहारा पशु हैं जिन्हें पकड़ कर 57 गोशालाओं में पहुँचाया जायेगा.
पशुओं की होगी टैगिंग
पशुओं की टैगिंग करने की जिम्मेदारी पशुपालन विभाग को दी गईं हैं. साथ ही, पशुओं की चिकित्सा एवं देख रेख की जिम्मेदारी भी पशुपालन विभाग की ही है.
मुख्य क्षेत्र जहाँ रहता है जमावड़ा
वैसे तो हिसार में हर स्थान पर बेसहारा पशु देखे जा सकते हैं, लेकिन मुख्य रूप से पड़ाव चौक, नई सब्जी मंडी व नई अनाज मंडी क्षेत्र, सेक्टर 9-11 क्षेत्र, सेक्टर 13, सेक्टर 14, सेक्टर 16 – 17, अर्बन एस्टेट, आज़ाद नगर, पुरानी सब्जी मंडी क्षेत्र, ऋषि नगर, 12 कवर्टर क्षेत्र, मिल गेट क्षेत्र सहित हिसार के अलग अलग स्थानों पर शाम के समय बेसहारा पशुओ का जमावड़ा लगना शुरू हो जाता है.
हिसार में गौशालाओं की स्थिति
कुल गौशाला- 57
कुल पशु – 50 हज़ार
गोवंश ( गाय व नन्दी) – लगभग 285