बरवाला । हिसार जिले की बरवाला नगर परिषद में हुए 4 करोड़ रुपए के स्ट्रीट लाइट घोटाले पर हरियाणा सरकार ने आज अपनी मोहर लगा दी है. यहीं नहीं घोटाले में शामिल तत्कालीन इंजिनियर जयबीर व जूनियर इंजीनियर संदीप कुमार को तुरंत प्रभाव से निलंबित भी कर दिया गया है. दोनों को एडिशनल चीफ सेक्रेटरी एसएन राय द्वारा जारी आदेशों के तहत निलंबित किया गया है.
ज्वाइंट कमिश्नर की जांच में मिला फर्जीवाड़ा
बरवाला शहर में चार करोड़ रुपए की लागत से स्ट्रीट लाइट लगवाई गई थी. इस मामले में पार्षद जगदीश गुलाटी ने बड़े स्तर पर घपलेबाजी की आंशका जताते हुए मंत्री अनिल विज को पूरे मामले से अवगत कराया था. मंत्री अनिल विज ने मामले की जांच का जिम्मा ज्वाइंट कमिश्नर बेलिना राणा को सौंपा था. जांच पड़ताल में सामने आया कि जयबीर व संदीप कुमार ने साथियों के साथ मिलकर बड़े स्तर पर घपले को अंजाम दिया है.
ऑनलाइन की बजाय ऑफलाइन टेंडर अलॉट किया
इस कार्य के लिए मुख्यालय की ओर से किसी भी तरह की खरीद के लिए ई-टेंडरिंग के आदेश जारी किए गए थे लेकिन बरवाला नगर पालिका में अधिकारियों ने कानून को ताक पर रखते हुए जानबूझकर ऑफलाइन टेंडर अलॉट किए. जांच के दौरान यह भी पाया गया कि जब टेंडर प्रक्रिया के लिए दो ही आवेदन आए तो दूसरे आवेदनकर्ता के कागजात पूरे नहीं होने का हवाला देते हुए उसका टेंडर रद्द कर दिया गया था.
बड़े बॉस के इशारे पर हुआ घोटाला, फंसे अफसर
मामले को लेकर जब बरवाला हल्के के जेजेपी पार्टी से मौजूदा विधायक जोगीराम सिहाग से बात की गई तो उन्होंने स्पष्ट तौर पर तो किसी का नाम नहीं लिया लेकिन ये जरूर कहां कि घोटाला बड़े बॉस के इशारे पर हुआ है. नेता तो पैसे कमाकर निकल लिए,अब कार्यवाही अफसरों को भुगतनी पड़ रही है. विधायक जोगीराम सिहाग ने कहा कि बरवाला में स्ट्रीट लाइट घोटाले के अलावा भी स्टेडियम घोटाला, ग्रिल व सड़क निर्माण व वाटर टैंक निर्माण में भी घोटाला हुआ है,जिसकी परतें भी जल्दी ही खुलने वाली है.
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