हिसार । हिसार जिले के नारनौंद हल्के से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. दरअसल यहां आज से दस दिन पहले नहर से एक साधु का शव बरामद हुआं था और परिजनों ने उसकी शिनाख्त कर अंतिम संस्कार भी कर दिया था. लेकिन दस दिन बाद उस समय परिजनों के साथ-2 पुलिस के भी होश उड़ गए जब साधु पास के ही गांव में जिंदा मिला. मिली जानकारी अनुसार गत 10 दिसंबर को नारनौंद हल्के के बुढ़ाना रोड़ पर मोठ माईनर से एक साधु का शव बरामद हुआं था . पुलिस ने शिनाख्त के लिए गांव वालों को सूचना दी तो साधु की पहचान राजथल निवासी जसबीर उर्फ भूरिया बाबा के रूप में हुई थी. पुलिस के सामने अब बड़ा सवाल यह खड़ा हो गया है कि दस दिन पहले जिस साधु का अंतिम संस्कार किया गया था वह कौन था. फिलहाल पुलिस जांच- पड़ताल में जुट गई है.
बता दें कि शव मिलने के बाद जब शिनाख्त के लिए पुलिस ने परिजनों को बुलाया तो परिजनों ने उसको जसबीर उर्फ भूरिया बाबा समझ कर उसकी शिनाख्त कर डाली और शव का पोस्टमार्टम करवाकर हांसी नगर पालिका में ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया. दस दिन बाद किसी ने सूचना दी कि जसबीर उर्फ भूरिया बाबा जिंदा है और उसे पास के गांव में देखा गया है तो यह चर्चा आग की तरह पुरे गांव में फैल गई. सूचना मिलते ही परिजन उसके पास पहुंचे और साथ ही पुरी बात से पुलिस को अवगत कराया गया. सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची और साधु जसबीर भूरिया के बयान दर्ज किए. पुलिस अब माईनर से मिले मृत साधु की पहचान करने में जुटी हुई है.
गलतफहमी में हुई शिनाख्त
थाना प्रभारी उमेद सिंह ने बताया कि परिजनों की गलतफहमी की वजह से शिनाख्त हो गई थी और फिलहाल पुलिस अब माईनर से बरामद हुए मृतक साधु की पहचान कर रही है कि वह कौन और कहा का रहने वाला था.
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