हरियाणा का ऐसा गांव जहाँ चौधर के लिए दस गवा चुके जान, गांव के अंदर बना है पुलिस थाना

हांसी । यह पूरा मामला है हरियाणा के हांसी के गांव शेखपुरा का जहाँ कभी एकजुट होकर कारोबार करने वाले शेखपुरा के सुभाष गुर्जर व बलबीर प्रधान के रास्ते 12 साल पहले एक प्लाट की राशि के बंटवारे को लेकर अलग अलग हो गए थे. दोनों के बीच की दुश्मनी दिन प्रतिदिन इतनी बढ़ गई कि मार्च 2017 को फाग के दिन दोनों गुटों ने खून की ऐसी होली खेली,  जिसमें गोली लगने से 3 लोग मौत का शिकार हो गए.

Police Photo

4 साल पहले भयंकर खूनी खेल मे तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी  

बता दे कि तकरीबन 4 साल पहले 13 मार्च 2017 उपमंडल के गांव शेखपुरा में चौधर को बरकरार रखने की कोशिश में दो गुटों में खूनी जंग हो गई. स्कूली जंग में मारे गए तीनों लोगों के मामले में हिसार की अदालत द्वारा 8 आरोपियों को दोषी करार किया गया.  गांव के लोग सूचना पाकर 4 साल पहले की घटना को याद कर बोल रहे थे कि इस खूनी खेल से गांव की साख पर ऐसा कलंक लगा है कि दूसरे गांव के लोग हमारे गांव के लोगों से घृणा करने लगे. वही शेखपुरा गांव के निवासी डीएसपी भगवानदास के भाई सुभाष गुट के आठ लोगों को अदालत ने दोषी करार दिया. अभी तक डीएसपी सुसाइड मामले की पंचकूला अदालत में कार्यवाही चल रही है. बता दें कि 13 मार्च 2017 को खूनी जंग से पहले बलबीर गुर्जर गुट व सुभाष गुर्जर गुट के भी छोटी-छोटी बातों पर अकसर कहासुनी हुआ करती थी.

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जानिए इस घटना के बारे में विस्तार से 

फाग के दिन रामकुमार के लड़के संजय व अमित कसाना की सुभाष गुर्जर के साथ मारपीट हुई , अन्य लोगों ने इस मामले कों निपटा दिया. तकरीबन दोपहर 3:00 बजे उमेश रावत और संदीप के बीच दोबारा से झगड़ा हो गया. इस झगड़े ने एक खूनी जंग का रूप धारण कर लिया. 4:00 बजे 20 , 25 राउंड गोलियां चली. जिसमें से राजकुमार कसाना, बलवीर गुर्जर के भतीजे मुकेश व प्रदीप फौजी की मौके पर ही मौत हो गई. इस वारदात में रामकुमार के पुत्र टीनू को आंख में गोली लग गई. बीच बचाव कर रहे महेंद्र उर्फ़ कालिया के पांव में गोली लग गई. डीएसपी भगवानदास उसके भाई सुभाष सहित 24 लोगों पर हत्या का मामला दर्ज किया गया. ख़ूनी खेल के 3 दिन बाद डीएसपी भगवान दास की ट्रांसफर होने के बाद भगवान दास ने पंचकूला में स्थित अपने क्वार्टर पर कनपटी पर गोली मारकर सुसाइड कर लिया.

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इस वारदात में  कुल 10 लोगों ने जान गवाई 

गोली लगने की वजह से गंभीर रूप से घायल हुए डीएसपी की 13 दिनों बाद मौत हो गई. डीएसपी के भाई की शिकायत पर बलबीर गुर्जर, संदीप, राजकुमार कसाना के बेटे अमित, संजय, टीनू पर मामला दर्ज किया गया. शेखपुरा में ट्रिपल मर्डर कांड से लेकर अब तक करीब 10 लोग मारे जा चुके हैं. फाग के दिन गोली लगने से राजकुमार मुकेश व प्रदीप फौजी की मौके पर ही मौत हो गई थी.

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उसके बाद मौत की सूचना मिलने पर गांव शेखपुरा पर आ रहे मुकेश के मामा फौजी की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई. उनके पीछे आ रही गाड़ी की अन्य गाड़ी से टक्कर होने की वजह से मुकेश के दो और रिश्तेदारों की मौत भी हो गई थी. आरोपित दलेल के भाई दिलीप की भी दलील पर मामला दर्ज होने की सूचना मिलने पर हार्ड अटैक से मौत हो गई थी. डीएसपी भगवान दास द्वारा खुद सुसाइड कर लिया गया. भगवान दास की सूचना मिलते ही रामेश्वर ने भी दम तोड़ दिया. राजकुमार के भाई पप्पल पर मामला दर्ज किया गया , जिसकी वजह से उसकी मां की मौत हो गई.

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