हिसार | हरियाणा में किसानों के लिए अच्छी खबर है. आज से सूबे की अनाज मंडियों में गेहूं, जौ और चने की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर सरकारी खरीद शुरू हो गई है. प्रदेशभर में गेहूं के लिए 411, जौ के लिए 25 और चने के लिए 11 मंडी/ खरीद केंद्र बनाए गए हैं. वहीं, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमिता मिश्रा ने सभी जिला डीसी को निर्देश दिए हैं कि फसल लेकर मंडियों में पहुंचने वाले किसानों को किसी तरह की दिक्कत नहीं होनी चाहिए.
मंडियों में इंतजाम की ताज़ा रिपोर्ट
भले ही, आज से रबी सीजन की फसलों की सरकारी खरीद शुरू हो रही हो, लेकिन ताजा पड़ताल से सामने आया है कि ज्यादातर मंडियों में खरीद के आधे- अधूरे इंतजाम है. कहीं साफ- सफाई, कहीं पानी और शौचालय तक की व्यवस्था नहीं हो पाई है. कई जिलों में गेहूं तुलाई व उठान के लिए टेंडर ही नहीं हुए हैं. अधिकतर जगहों पर बोरी के कट्टे तो पहुंच गए हैं लेकिन पूरे सीजन के लिए यह पर्याप्त नहीं है. हालांकि, शुरूआती हफ्ते में मंडियों में गेहूं की आवक कम ही रहेगी. उसके बाद, तेजी आने की संभावना है.
हड़ताल पर आढ़ती
इसी बीच, आढ़तियों ने आढ़त बढ़ाने व बकाया भुगतान की मांग को लेकर 1- 5 अप्रैल तक दो घंटे हड़ताल का ऐलान किया हुआ है. सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक यह हड़ताल रहेगी. ऐसे में खरीद प्रक्रिया प्रभावित होना तय है.
जिला वाइज मंडियों में इंतजाम
- पानीपतः गेहूं उठान के लिए टेंडर नहीं हो पाए हैं. स्ट्रीट लाइट व वाटर कूलरों की मरम्मत अब शुरू हुई है.
- कैथल: मंडी में कचरे के ढेर लगे हैं. शेड व फड़ों पर धान पड़ा है.
- जींदः नई अनाजमंडी में शेड नहीं है. बारिश हुई तो गेहूं भीगेगा.
- करनालः इंटरलॉकिंग टाइलें लगाई जा रही हैं. सीवरेज का काम अधूरा है और शेड की मरम्मत की जा रही है.
- फतेहाबाद: उठान के लिए 24 टेंडर हुए हैं. 67 मुख्यालय भेजे हैं.
- सिरसा: अब तक बारदाने की सिर्फ 22 हजार गांठें पहुंची हैं.
- सोनीपतः पानी व शौचालय की स्थायी व्यवस्था नहीं है.
- हिसार: मंडी में किसानों के लिए कैंटीन की सुविधा नहीं है.
पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य
MSP पर केवल उन्हीं किसानों की फसल खरीदी जाएगी जिन्होंने ‘मेरी फसल- मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाया है. जो किसान अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं करवा पाए हैं, उनके लिए एक बार फिर पोर्टल खोला गया है. प्रदेश के किसान की दूसरे राज्य में फसल है तो वैरिफिकेशन दिखानी होगी. किसान अपना आधार कार्ड साथ लेकर अवश्य आएं.
48 से 72 घंटे में भुगतान
फसल लेकर पहुंचने वाले किसानों का गेट पर तोल होगा. इसके बाद बोरी में भरते समय तोल होगा. फिर आढ़ती J फार्म देगा, जिसमें रेट, वजन और कुल राशि लिखी होगी. वहीं, 48 से 72 घंटे में किसानों की फसल का पैसा सीधे बैंक खातों में ट्रांसफर किया जाएगा.
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