हिसार | हरियाणा के ख्याति प्राप्त मशहूर सारंगी वादक 90 वर्षीय मामन खान आज इस दुनिया से रुखसत हो गए हैं. पिछले काफी समय से वो बीमार चल रहे थे और बुधवार को एक प्राइवेट अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली. परिजनों और ग्रामीणों ने आज बैंड- बाजे के साथ जनाजा निकालते हुए उन्हें खाक- ए- सुपुर्द कर दिया.
डीसी ने जताया शोक
हिसार जिले के गांव खरक पूनिया के रहने वाले मामन खान को पिछले कुछ दिनों से सांस लेने में तकलीफ़ हो रही थी. उनका हिसार के एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज चल रहा था, जहां उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली. मामन खान की मृत्यु पर डीसी प्रदीप दहिया ने शोक प्रकट करते हुए कहा कि देश ने मामन खान के रूप में एक उच्च कोटि के कलाकार को खो दिया है.
ट्रेन टू पाकिस्तान में मामन खान की धुन
मामन खान ने 9 साल की उम्र से ही सारंगी को अपना साथी बना लिया था. विभिन्न कार्यक्रमों में वह अपने दादा जी के साथ सारंगी वादन के लिए जाते थे. सारंगी बेहद ही मुश्किल साज है, लेकिन फिर भी उन्होंने इस कला में महारत हासिल की. ट्रेन टू पाकिस्तान फिल्म में मामन खान की सारंगी की ही धुन है.
20 से अधिक देशों में बढ़ाया भारत का मान
सारंगी वादक मामन खान को हरियाणा सरकार द्वारा सरस्वती सम्मान व कला रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. वे लोक सम्पर्क विभाग में अपनी सेवाएं दे चुके थे. देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी उन्होंने सारंगी वादन से नाम कमाया था. मामन खान को राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित होने का अवसर मिल चुका है.
मामन खान ने 20 से अधिक देशों में हिंदुस्तान का गौरव बढ़ाया है. वे फिलहाल लोक सम्पर्क विभाग में सरकारी नौकरी से रिटायर थे और सरकार द्वारा उन्हें 13 हजार रुपए मासिक पेंशन दी जा रही थी. संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति ने सम्मानित किया था.
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