हिसार। एक जाति विशेष से संबंधित टिप्पणी करने के मामले में टीवी सीरियल तारक मेहता का उल्टा चश्मा की फेमस कलाकार मुनमुन दत्ता की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही है. बता दें कि मुनमुन दत्ता पर अनुसूचित जाति पर टिप्पणी के मामले में अग्रिम जमानत याचिका के लिए हिसार कोर्ट में सुनवाई चल रही है. इस मामले में बीते एक सप्ताह में ही तीन तारीखें मिल चुकी है. मंगलवार को हिसार कोर्ट में एडीजे अजय तेवतिया की अदालत में सुनवाई हुई थी. इस दौरान मुनमुन दत्ता के अधिवक्ता अशोक बिश्नोई और शिकायतकर्ता अधिवक्ता रजत कलसन मौजूद रहें और दोनों अधिवक्ताओं में करीब एक घंटे तक मामले को लेकर बहस चली.
शिकायतकर्ता अधिवक्ता रजत कलसन ने बताया कि सुनवाई के दौरान मुनमुन दत्ता के अधिवक्ता ने सितंबर 2021 में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान रखी गई दलीलें दोहराई थी. अधिवक्ता रजत कलसन ने कहा कि मुनमुन दत्ता के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सात लाख के करीब फालोवर्स है. उन्होंने जाति विशेष पर जो टिप्पणी की है, वह सात लाख लोगों ने देखी है. दोनों अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने अग्रिम जमानत पर फैसला सुनाने के लिए 28 जनवरी निर्धारित की है.
बता दें कि नेशनल अलायंस फ़ार दलित ह्यूमन राइट्स के संयोजक रजत कलसन द्वारा हांसी एसपी को दी गई शिकायत के बाद इस मामले में करीब आठ महीने पहले केस दर्ज हुआ था. आरोप है कि अभिनेत्री मुनमुन दत्ता ने इंस्टाग्राम पर अपलोड एक वीडियो में कहा था कि ” उसे यूट्यूब पर वीडियो डालनी है, जिसमें वह अच्छा दिखना चाहती है और एक जाति विशेष जैसा नहीं दिखना चाहती”.
रजत कलसन ने अपनी शिकायत में आरोप लगाते हुए कहा था कि अभिनेत्री मुनमुन दत्ता ने इस वीडियो के माध्यम से पूरे भारत में अनुसूचित जाति वर्ग का अपमान किया है और एक जाति विशेष शब्द को गाली के तौर पर इस्तेमाल किया है. गौरतलब है कि इसी मामले में मुनमुन दत्ता पर चार राज्यों में केस दर्ज हुआ था. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सभी मामलों को हांसी (हिसार) के मामले से जोड़ दिया था.
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