हिसार | आधुनिकता के इस युग में आज महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरूषों से कम नहीं है. दुनिया के तानों को दरकिनार कर जिन महिलाओं ने घर की दहलीज लांघ कर संघर्ष किया है, उन्होंने ही सफलता के नए आयाम स्थापित किए हैं. कुछ ऐसी ही कहानी हिसार की रहने वाली इंदु बाला (Indu Bala) की हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत की बदौलत आज एक नई पहचान बनाई है.
पहली महिला लोको पायलट
इंदु बाला को हिसार जिले की पहली महिला लोको पायलट होने का गौरव हासिल हुआ है और वर्तमान में वो मालगाड़ी का संचालन कर रही है. वे रात में भी ड्यूटी कर अपने फर्ज को निभा रही हैं. शहर की महावीर कालोनी निवासी 32 वर्षीय इंदु अभी तक पैसेंजर ट्रेन में सहायक लोको पायलट थी लेकिन अब प्रमोशन के बाद लोको पायलट बन चुकी है.
पहले से बढ़ी जिम्मेदारी
इंदु बाला ने बताया कि इसी साल 8 अप्रैल को उनका प्रमोशन हुआ था. अब सहायक लोको पायलट से लोको पायलट बनने पर जिम्मेदारी और ज्यादा बढ़ गई है. उन्होंने बताया कि पहली बार उसने 29 अप्रैल को मालगाड़ी चलाई है. वर्तमान में उन्हें हिसार से बठिंडा, चुरू और रेवाड़ी का रूट दिया गया है.
3 साल का किया था कोर्स
लोको पायलट इंदु बाला ने बताया कि उन्होंने राजकीय बहू तकनीकी संस्थान, हिसार से 2009- 12 बैच में इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग का कोर्स किया था. उसके बाद बीटेक कोर्स किया. 2017 में उन्हें रेलवे विभाग में नौकरी मिली थी. साल 2021 में उनकी हिसार में ही शादी हो गई थी और उनका एक बच्चा भी है. वह परिवार को संभालने के साथ- साथ बखूबी ड्यूटी भी निभा रही है. इतना ही नहीं, बेहतर कार्य करने और सुरक्षित संचालन के लिए साल 2022 में इंदू बाला को डीआरएम अवाॅर्ड से भी सम्मानित किया गया था.
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